स्मृति पार्क का शिलान्यास आज, बिरसा मुंडा जेल बनेगा म्यूजियम
रांची,10अक्टूबर। अमर शहीद बिरसा मुंडा ने अंग्रेजी शासन में राजधानी रांची के जिस पुराने जेल में अंतिम सांस ली, उस स्थल को अब राष्ट्रीय महत्व के स्मारक के रूप में विकसित किया जाएगा। केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय और झारखंड सरकार के संयुक्त प्रयास से अब रांची स्थित भगवान बिरसा मुंडा जेल को म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री रघुवर दास कल 11 अक्टूबर को बिरसा मुंडा कारागार के जीर्णाद्धार, संरक्षण और संग्रहालय का शिलान्यास करेंगे। इस मौके पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम भी उपस्थित रहेंगे।
देश की आजादी की खातिर धरती आबा बिरसा मुंडा ने अपनी कुर्बानी दी। उन्होंने अंग्रेजी शासन काल में इस क्षेत्र पर हुकूमत को खत्म करने के लक्ष्य के साथ और जल, जंगल व जमीन की मिल्कियत को अक्षुण्ण रखने के लिए संघर्ष किया।आदिवासियों को एकजुट कर संघर्ष की रुपरेखा तैयार करने वाले बिरसा मुंडा से अंग्रेज अफसर काफी परेशान थ।इसलिए उन्होंने उलगुलान (आंदोलन) किया. लेकिन वे गिरफ्तार हुए. फिर उन्हें जेल में डाल दिया गया. बिरसा मुंडा को रांची के मुख्य स्थल पर बनी जेल में रखा गया था।
अब यहां जेल नहीं है, अब यह स्मृति स्थल के रुप में जाना जाता रहा है , लेकिन इस परिसर और पुरानी जेल भवन की हालत दयनीय है। इसके जीर्णोद्धार का निर्णय लिया गया है। भारत सरकार ने इसे सेल्यूलर जेल की तरह विकसित करने का निर्णय लिया है। सरकार चाहती है कि इसका संरक्षण कर इसे पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किया जाए। इस जेल के एक कमरे में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा लगी है, यहां बिरसा मुंडा रहते थे। कारावास के दौरान उन्होंने जीवन के अंतिम दिन इसी कोठरी में गुजारे थे। आज यह पूजनीय स्थल है, आदिवासी समाज ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लोगों के लिए बिरसा मुंडा गौरव के विषय हैं। देश-विदेश में उनका इतिहास जाना जाता है. उन्हें भगवान का दर्जा दिया गया है।
शिलान्या समारोह में मंत्री सीपी सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा, लुईस मरांडी, केंद्रीय राज्यमंत्री सुदर्शन भगत, सांसद रामटहल चौधरी, कड़िया मुंडा, विधायक नवीन जायसवाल, डॉ. जीतू चरण राम, राम कुमार पाहन, गंगोत्री कुजूर, सीमा देवी और मेयर आशा लकड़ा समेत अन्य गणमान्य लोगों को भी आमंत्रित किया गया है।