रांची। राज्यपाल (Governor) रमेश बैस राष्ट्रपति की अध्यक्षता में राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में आयोजित 51वें राज्यपाल सम्मेलन में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में उठाये कदम के बारे में जानकारी दी। बाद में राष्ट्रपति ने अपने समापन भाषण में झारखण्ड के राज्यपाल रमेश बैस का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए उनके द्वारा राज भवन, झारखण्ड में सौर ऊर्जा की दिशा में किये जा रहे कार्यों की सराहना की।
राज्यपाल ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद आज कई राज्यों की समस्या है तथा झारखंड भी इससे अछूता नहीं है। लेकिन सुरक्षा बलों की सख्ती एवं सतर्कता से उग्रवादी संगठनों से निबटा जा रहा है तथा आत्मसमर्पण के माध्यम से उन्हें मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि झारखंड लोक सेवा आयोग ने विश्वविद्यालयों में वर्ष 2008 के बाद कोई भर्ती नहीं की है। विश्वविद्यालय सिर्फ 30प्रतिशत शिक्षकों की क्षमता पर ही कार्य कर रहे हैं। परंतु अब नियुक्तियों की प्रक्रिया प्रारम्भ करा दी गई हैं।
झारखंड राज्य में आजादी के अमृत महोत्सव अंतर्गत सभी कार्यक्रमों को संकलित कर एक कैलेंडर तैयार किया गया है जिसे भारत सरकार को भेज दिया गया है। अमृत महोत्सव के शुभारंभ के दिन राज्य में साईकिल रैली, फोटो प्रदर्शनी एवं चित्रकारी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। खेल के क्षेत्र में झारखण्ड की राष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान रही है। टोक्यो ओलम्पिक में भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य झारखण्ड की दो बेटियां सलीमा टेटे एवं निक्की प्रधान ने अपने बेहतर प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया।
राज्यपाल ने बताया कि बताया कि राज्य में सरना धर्म कोड लागू करने की निरंतर मांग उठ रही है। इस संदर्भ में कई प्रतिनिधिमंडल मुझसे मिले। हालाँकि आधिकारिक रूप से यह मामला अभी उनके समक्ष नहीं आया है। लेकिन वे बताना चाहते है कि कि राज्य सरकार द्वारा राज्यपाल की पूर्व सहमति व स्वीकृति के बिना ही टीएसी के गठन और सदस्यों की नियुक्ति में राज्यपाल की शक्तियाँ समाप्त कर दी गई है। साथ ही नगर निगम, नगर पालिका के मेयर व अध्यक्ष के अधिकारों को भी सरकार द्वारा समाप्त कर दिया गया है। इस सबंध में वे विधिक राय ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में टीकाकरण का कार्य भी तीव्र गति से जारी है। कोविड-19 संक्रमण को रोकने तथा संभावित तीसरी लहर से बचाव एवं रोकथाम हेतुटेस्ट, ट्रैक, आइसोलेट, ट्रीट तथा वैक्सीनेट की रणनीति अपनायी जा रही है।
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