रांची। झारखंड गठन के पहले और अलग राज्य गठन के बाद विधायक बंधु तिर्की ने मांडर विधानसभा सीट से पांच बार अलग-अलग सिंबल पर चुनाव लड़ा और तीन बार कामयाबी हासिल की। छठी बार अपनी बड़ी बेटी शिल्पी नेहा तिर्की को चुनाव मैदान में उतारा है। उपचुनाव में उनकी बेटी शिल्पी नेता तिर्की अपने पिता बंधु तिर्की का खड़ाऊं लेकर चुनाव मैदान में नजर आएगी। बंधु तिर्की तीन बार चुनाव जीते, लेकिन हर बार उनका चुनाव चिह्न बदलता गया।
बंधु तिर्की झारखंड गठन के बाद पहली बार 2005 में मांडर से यूजीडीपी की टिकट पर चुनाव जीतने में सफलता हासिल की और पहली बार विधायक बने। वर्ष 2009 में बंधु ने झारखंड जनाधिकार मंच के बैनर तले चुनाव लड़ा और जीता भी। लेकिन 2014 में बंधु तिर्की टीएमसी की टिकट पर उतरे और बीजेपी के गंगोत्री कुजूर से हार गए। इसके 2019 के चुनाव में बंधु ने फिर पार्टी बदली और बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर बीजेपी के देव कुमार धान का हराया। इससे पहले भी वह एकीकृत बिहार में आरजेडी टिकट पर इस क्षेत्र से अपना भाग्य आजमा चुके है।
वर्ष 2019 में झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद बंधु तिर्की कांग्रेस में शामिल हो गये और अभी वे प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी है। इसी कारण इस बार कांग्रेस ने उनकी बेटी को टिकट दिया है, हालांकि वर्ष 2019 में बंधु तिर्की के खिलाफ कांग्रेस ने भी उम्मीदवार दिया था, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे थे।

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