कोलकाता में गिरफ्तार अधिवक्ता को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पीएमएलए कोर्ट में किया गया पेश
रांची। झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने एक व्यवसायी का भयादोहन करने के आरोप में 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अधिवक्ता राजीव कुमार पर व्यवसायी के खिलाफ दाखिल पीआईएल में सहायता के एवज में एक करोड़ रुपये की राशि मांगने का आरोप लगाया है। इस मामले में कोलकाता पुलिस को अधिवक्ता राजीव कुमार और ईडी के अधिकारी के बीच व्हाट्सएप चैट के बारे में भी जानकारी मिली है, जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने रांची में पूर्व में पदस्थापित ईडी के अधिकारी को भी तलब किया गया था। जिसके बाद ईडी ने इस मामले को टेकओवर कर लिया है। इसी मामले में अधिवक्ता राजीव कुमार को गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया। ईडी की ओर से विशेष अदालत से 14 दिनों का रिमांड मांगा गया, लेकिन विशेष अदालत से 8 दिन रिमांड की अनुमति मिली। अब ईडी कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद 20 अगस्त को राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
गौरतलब है कि 31 जुलाई को अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता में एक मॉल से गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद 10 दिनों तक उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की गयी। इस बीच 11 अगस्त को इस मामले में ईडी ने मनी लाउंड्रिंग के आरोप में राजीव कुमार पर केस दर्ज किया था। इसमें प्रार्थी शिव शंकर शर्मा को भी आरोपी बनाया गया है। ईडी ने मनी लाउंड्रिंग के साथ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7ए (अपने व्यक्तिगत प्रभाव का प्रयोग करके किसी अन्य व्यक्ति से अपने या किसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई अनुचित लाभ स्वीकार करना), भादवि की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) एवं 383 (जबर्दस्ती वसूली) के तहत केस दर्ज किया गया है। साधारणतयः ईडी की ओर से अधिकांश मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट,पीएमएलए के तहत ही केस दर्ज किया जाता है, लेकिन इस मामले में पीएमएलए के साथ ही पीसी एक्ट और आईपीसी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
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