1206 चेकडैम का हुआ निर्माण, 9190.54किमी लंबी वनपथ की मरम्मति
रांची। झारखंड में वन भूमि का उपयोग माइनिंग या दूसरे कार्याें में करने के एवज में क्षतिपूरक पौधरोपण का प्रावधान है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से 3 वर्षाें में कैंपा फंड से करीब 620.68करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये।
वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्त्तन विभाग से प्राप्त आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार क्षतिपूरक पौधरोपण के प्रावधान के तहत केंद्र सरकार द्वारा कैंपा फंड से वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 और वर्ष 2020-21 में 620.68करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करायी गयी। जबकि वर्ष 2019-20 और 2020-21 में कैंपा मद में राज्य सरकार द्वारा 451.79 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करायी गयी।इस राशि से लगभग 2 करोड़ पौधे लगाये गये, जबकि 1206 चेकडैम का निर्माझा और 9190.65 किमी लंबी वनपथ की मरम्मति का भी कार्य किया गया।
वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्त्तन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार चार वर्षाें में कैंपा मद से 37 हजार 365 हेक्टयेर क्षेत्र में पौधरोपण किया गया और 1.62करोड़ पौधे लगाये। जबकि इस दौरान 131.79किमी लंबाई में रैखिक पौधरोपण किया और 4 लाख 95 हजार पौधे लगे। वहीं 2.06लाख गैबियन में पौधरोपण किया गया और 1206 चेकडैम का निर्माण कराया गया। साथ ही 9190.64किमी वनपथ लंबाई की मरम्मति की गयी।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्त्तन मंत्रालय के वनरोपण नीति 2016 के अनुसार कैंपा के कार्याें में तृतीय पक्ष मूल्यांकन का प्रावधान हैं और इसके तहत वर्ष 2016-17 से 2018-19 में किये गये कार्याें का तृतीय पक्ष मूल्यांकन का कार्य प्रगति पर हैं। इसके अलावा कैंपा के कार्याें का भारत सरकार के ई-ग्रीन वॉच पोर्टल पर पालीगॉन अपलोड किया जाता हैं। इस प्रकार इन कार्याें का विवरण पब्लिक डोमिन में रहता है। वर्ष 2017-18 से 2020-2020-21 के अद्यतन 3047 पालीगॉप लपलोड किये गये हैं। कैंपा कार्र्याे के सामाजिक अंकेक्षण का प्रावधान नहीं हैं।
More Stories
झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र 5 को
कैबिनेट का फैसला, 50 हजार सहायक शिक्षकों के पद सृजन को मिली मंजूरी
संस्कृति, विरासत और धरोहरों को लेकर आत्मसम्मान और गौरव का केंद्र बना नवरत्नगढ़ का किला