रांची। बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि कभी आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव भी सीबीआई जांच रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट गये थे, परिणाम सामने है। आज सीएम हेमंत सोरेन भी जांच से बच निकलने के लिए वही इतिहास दुहरा रहे हैं।
बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा कि जब लालू प्रसाद मुश्किल में फंसे, उस वक्त केंद्र तथा राज्य दोनों जगह उनके प्रभुत्व वाली सरकार थी। जांच एचडी देवगौड़ा के कार्यकाल में शुरू हुई और इंद्र कुमार गुजराल के समय वे जेल गये।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पुराने भ्रष्टाचार की बात करते हैं, वे बेशक उनपर कार्रवाई करें, लेकिन अपने शासनकाल में एक संगठित व्यापार का रूप ले चुके इस भ्रष्टाचार के पहाड़ पर एक छेनी भी तो हेमंत सोरेन को चलाना चाहिए, वो ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं., कहीं वे इस डर या दबाव में तो नहीं है कि उनके राजदारों के मुंह खोलने से वे भी सलाखों के पीछे होंगे।
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन को राज्यहित में खुद सामने आकर ऐसे भ्रष्ट अधिकारी और माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन वे इतने दबाव में लगते हैं कि उल्टे ईडी की कार्रवाई को कभी गीदड़ भभकी तो कभी मीडियाबाजी बताते हैं, कभी कहते हैं कि ईडी ही मुसीबत में पड़ जाएगी।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन के रविवार को दिये गये टीवी इंटरव्यू को देखकर कोई भी बता देगा कि वे कितने दबाव में हैं। बाबूलाल ने कहा कि हेमंत सोरेन ने 29 महीनों में अवैध खनन में संलिप्त किसी भी माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं की है। ना ही किसी भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ कोई जांच कराई है। पिछले 29 महीने से साहिबंगज, धनबाद से लेकर रांची तक अवैध सिंडिकेट खुलेआम डंके की चोट पर अपना अवैध व्यापार चला रहे हैं। अब भ्रष्टाचार का यह खुल्लम-खुला खेल बगैर राजनीतिक संरक्षण और अधिकारियों की संलिप्तता के कैसे संभव है।
बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने रांची डीसी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कहा कि हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी मुख्यमंत्री की एक चार्जशीटेड अधिकारी को रांची का डीसी बनाए रखने की कौन सी मजबूरी है।

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