December 13, 2025

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दोहरे अंको वाली विकास दर को टिकाऊ बनाये रखना सरकार की बड़ी चुनौती -सूर्यकांत शुक्ला

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रांची। देश की अर्थव्यवस्था की सेहत बताते वाले सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आधिकारिक आंकड़े सांख्यिकी एंव कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 31 अगस्त को जारी करेगा। जिससे यह पता चलेगा कि अप्रैल जून तिमाही 2022 में विकास की क्या स्थिति रही।
आर्थिक मामलों के जानकार सूर्यकांत शुक्ला ने कहा कि वित्तीय संस्थानों द्वारा यथा आर बी आई 16.2प्रतिशत,स्टेट बैंक आफ इंडिया की रिसर्च15.7 प्रतिशत और 51 आर्थिक विशेषज्ञों के औसत अनुमान 15.2 प्रतिशत जैसे आकर्षक ग्रोथ नम्बर का पुर्वानुमान लगाया गया है। ख्याति लब्ध वित्तीय संस्थानों के पूर्वानुमानों ने इतना तो संकेत दे ही दिया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही मे ग्रोथ आकर्षक होगी ।विकास की यह रफ्तार यदि पांच वर्षों के लिए भी टिकाऊ हो जाय तो भारत विकसित देशों की श्रेणी मे शुमार हो जायेगा ,इसमें कोई किंतु परन्तु नही है।
सूर्यकांत शुक्ला ने कहा कि आर्थिक बाजार के जो हाई फ्रिक्वेंसी इंडिकेटर हैं,उनमें से अधिकांश संकेतकों मे तेज वृद्धि देखी गयी है। परंतु निम्न आधार प्रभाव वह कारण है जो विकास की रफ्तार को तीब्रतम बना दे रहा है और आकर्षक दिखा पा रहा है।
पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल जून मे 20.13प्रतिशत की दर से जीडीपी बढी़ थी जो अंतिम तिमाही जनवरी मार्च 2022 पहुंचते पहुंचते 4.1 प्रतिशत पर आ गयी थी । चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही मे जो आकर्षक विकास दर का अनुमान लगाया गया है वह भी क्रमशः तिमाही दर तिमाही घटते जायेगा। ऐसे में विकास को टिकाऊ बनाये रखने के रास्ते मे मंहगाई और बढती ब्याज दरें बड़ी बाधाएं हैं,जिनसे केन्द्र सरकार को पार पाना होगा, क्योंकि मंहगाई से कम आय वर्ग के लोगों की खपत कम हो जाती है। जबकि देश की इकोनॉमी मे खपत का योगदान सबसे ज्यादा है । उसी तरह ऊंची ब्याज दरें नये निवेश को आने से रोकती हैं जिससे इकोनॉमी मे कोई बढ़त नही दिखलाई पड़ती। दोहरे अंको वाली विकास दर को टिकाऊ बनाये रखना सरकार की प्राथमिकता में शुमार हो और तदनुसार काम हो तो बात बने ।

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