May 16, 2024

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झारखंड खेल नीति 2022 का लोकार्पण, सीएम ने कहा- खिलाड़ियों को  न्यूनतम 50 हजार सम्मान राशि मिलनी चाहिए

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रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि वर्तमान सरकार के गठन के बाद से ही राज्य में खेल गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। आने वाले 5 वर्षों के लिए हमने नई खेल नीति बनायी है जिसका आज विधिवत रूप से लोकार्पण हुआ है। सरकार द्वारा बनायी गई यह खेल नीति राज्य के खिलाड़ियों, कोच तथा प्रशिक्षकों के लिए समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के नौजवानों में खेल के प्रति रुचि, जागरूकता और झुकाव को मैंने काफी करीब से समझने का काम किया है। यहां के खिलाड़ियों को प्लेटफार्म उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। मुझे पूरा विश्वास है कि राज्य सरकार द्वारा बनायी गई नई स्पोर्ट्स पॉलिसी हमारे खिलाड़ियों को बिना रुकावट खेल की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए मदद करेगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में आयोजित झारखंड खेल नीति, 2022 का लोकार्पण एवं खिलाड़ी सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार खेल की दिशा में राज्य सरकार ने अपना कदम बढ़ाया है, निश्चित रूप से खेल के क्षेत्र में झारखंड देश का अग्रणी राज्य बनेगा।

सीमित संसाधनों में तैयारी कर नंबर-1 बनते हैं हमारे खिलाड़ी

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आप सभी ने देखा है कि पिछले दिनों देश के दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों ने झारखंड में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है तथा यहां के प्रशिक्षकों द्वारा गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण भी लेने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के बच्चों ने कई खेलों में राज्य ही नहीं बल्कि देश का प्रतिनिधित्व किया है तथा पदक जीतकर विश्व में राज्य एवं देश का नाम रोशन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के खिलाड़ी जो पूरी दुनिया में खेल के क्षेत्र में अपना जौहर दिखा रहे हैं, हमारे वे बच्चे बहुत ही सीमित संसाधनों में अपनी तैयारी करते हैं। हमारे लिए यह गौरव की बात है कि हमारे बच्चे सीमित संसाधनों से निकलकर देश में अपना स्थान पहले पायदान पर रखते हैं और देश में नंबर वन खिलाड़ी के रूप में उभरते हैं। यहां के खिलाड़ियों की इसी जज्बा को और आगे ले जाने के लिए हमारी सरकार ने राज्य में नई खेल नीति लाने का काम किया है।

खिलाड़ियों को सहायता राशि न्यूनतम 50 हजार

मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरत के हिसाब से पॉलिसी में समय-समय पर बदलाव की जाएगी। मैंने पर्यटन, कला-संस्कृति, खेल-कूद एवं युवा कार्य विभाग को इस संबंध में निर्देश भी दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में खेल पॉलिसी में बदलाव लाकर खिलाड़ियों को सहायता राशि के रूप में न्यूनतम 50 हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक उम्र सीमा के बाद यहां के खिलाड़ियों का भविष्य कैसे सुरक्षित हो सके इस निमित्त भी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बन रहे स्टेडियमों को और गति देने की जरूरत है। राज्य सरकार स्कूलों में भी खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है, इससे संबंधित कार्य योजना बनायी जाएगी।

हर वर्ग को कुछ न कुछ सहायता प्रदान कर रही हमारी सरकार

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि विगत 20 वर्षों में झारखंड में विकास की गति थम सी गई थी, वर्तमान सरकार ने राज्य की आंतरिक संसाधनों को बढ़ाने पर बल दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक-एक राज्य वासियों को सरकार का अंग बनाकर उनकी मदद से विकास की लंबी लकीर खींचने का प्रयास किया जा रहा है। झारखंड में पर्याप्त संसाधनों के अनुरूप ही हमारी सरकार हर वर्ग को कुछ न कुछ, किसी न किसी तरीके से सहायता प्रदान करने का काम कर रही है। हमारी सरकार बुजुर्ग, नौजवान, महिला, बच्चे सभी की चिंता कर रही है। सभी का सर्वांगीण विकास राज्य सरकार की जिम्मेदारी भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की खनिज-संपदा का लाभ हमेशा बड़े-बड़े व्यापारियों- प्रतिष्ठानों को जाता रहा है। हमारी सरकार इससे अलग हटकर राज्य के समस्त जनमानस को लाभ पहुंचाने, आदिवासी-मूलवासी बच्चों की प्रतिभा को निखारने की दिशा में यहां की प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर रही है।

खेलेगा झारखंड तो बढ़ेगा झारखंड

इस अवसर पर पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के मंत्री हफिजुल हसन  ने कहा कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाद भी मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से झारखंड खेल नीति, 2022 का लोकार्पण आज हो रहा है। यह खेल नीति मुख्य रूप से यहां के खिलाड़ियों के बेहतर भविष्य, झारखंड में खेल गतिविधियों का प्रसार, युवाओं को रोजगार, आमजनों में आत्मविश्वास एवं झारखंड को राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्थापित करने के उद्देश्य से बनाई गई है। खेल नीति में खिलाड़ियों को नौकरी एवं शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहा कि खेल मैदान में खिलाड़ियों की कोई जाति, कोई मजहब, कोई धर्म नहीं होता है। खिलाड़ी केवल खेल भावना एवं राष्ट्रीय भावना से खेलता है और यह दिलों से दिल को जोड़ने का स्थान होता है। उन्होंने कहा कि यह खेल नीति प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को चयनित खेल विद्या में राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगा। उन्होंने कहा कि खेलेगा झारखंड तो बढ़ेगा झारखंड।

नई खेल नीति पांच साल के लागू होगी
नई खेल नीति पांच साल के लिए लागू होगी। इससे पहले राज्य में वर्ष 2007 में लागू हुई थी। नई नीति में खिलाड़ियों को 6 हजार रुपये तक की छात्रवृत्ति, पूर्व खिलाड़ियों को 10 हजार रुपये तक मासिक पेंशन, खेल प्रशिक्षकों को 10 लाख रुपये तक की सम्मान राशि का प्रावधान किया गया है। मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्कूलों में खेल शिक्षकों की बहाली करेगी। इसमें खिलाड़ियों को प्राथमिकता मिलेगी। इस अवसर पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया। इन्हें सम्मान के रूप में 15 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी गई। मुख्यमंत्री ने मौके पर ही विभाग के पदाधिकारियों को न्यूनतम राशि 50 हजार रुपये करने के निर्देश दिए। खिलाड़ियों और कोच को कई सौगात खेल को बढ़ावा देने के लिए हर प्रखंड में अच्छे स्तर के खेल मैदानों का विकास किया जायेगा। योजनाबद्ध तरीके से राज्य के खिलाड़ियों के लिए डे-बोर्डिंग, क्रीड़ा किसलय केंद्र, आवासीय खेल विकास केंद्र व एकलव्य खेल अकादमी को बेहतर किया जायेगा। राज्य के सभी खिलाड़ियों के लिए देश का पहला खेल डिजिटल डाटाबेस तैयार किया जायेगा। खिलाड़ियों का बनेगा डिजिटल डाटाबेस खेलों से संबंधित बनेंगे कई संस्था ‘ इसके अलावा ग्रामीण खेल केंद्र, खेल अकादमी, खेल विज्ञान, खेल प्रतिभा खोज, खेल संरचना विकास, प्रशिक्षक विकास, फिजिकल फिटनेस प्रोग्राम, खेल ब्रांडिंग और पारदर्शिता का भी प्रावधान किया गया है। आर्थिक सहायता व नौकरी का प्रावधान खिलाड़ियों की पहचान के लिए पंचायत, प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर काम करने की योजना बनायी गयी है। खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति, इंश्योरेंस व पूर्व खिलाड़ियों को पेंशन योजना का लाभ देने के लिए प्रावधान किया गया है।नौकरी व शिक्षण संस्थान में आरक्षण खिलाड़ियों को नौकरी और शिक्षण संस्थान में आरक्षण देने और राज्य स्तर की द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में सीधी भर्ती के लिए भी प्रावधान किया गया है। राज्य में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना करने के लिए भी नीति में व्यवस्था की गयी है। पीटी शिक्षक और कोच के लिए पुरस्कार नयी खेल नीति में सर्वश्रेष्ठ पीएचइ, पीटी शिक्षक एवं जमीनी स्तर के कोच के लिए पुरस्कार का प्रावधान किया गया है। पीटी शिक्षक व जमीनी स्तर के प्रशिक्षकों के लिए राज्य प्रतिभा पूल निर्माण, खेल गतिविधियों व कम्युनिकेशन कौशल के संबंधित पीपीपी और प्रायोजकों को आकर्षित करने के लिए भी नियम निर्धारित किया गया है। झारखंड फुटबॉल व हॉकी प्रीमियर लीग फुटबॉल, हॉकी जैसे खेलों को बढ़ावा देने के लिए झारखंड प्रीमियर लीग का आयोजन किया जाएगा। खेल नीति में ग्रामीण स्तरीय खेल, पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देना, डोपिंग मुक्त खेल के लिए नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड ऑफ इंडिया की तर्ज पर कानून का प्रावधान किया गया है।

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