
आठ केंद्रीय मंत्री और 46 सांसद रांची में जुटेंगे
जेपी नड्डा और कई केंद्रीय पदाधिकारी समेत सभी भाजपा शासित राज्यों के मंत्री और एसटी मोर्चा के पदाधिकारी करेंगे मंथन
रांची। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड में आदिवासियों के लिए सुरक्षित 28 में से सिर्फ 2 सीटों पर चुनाव जीत पायी थी और राज्य में बीजेपी के सत्ता से बाहर हो जाने का प्रमुख कारण जनजातीय मतदाताओं का विमुख होना बताया जा रहा था। अब बीजेपी एक बार फिर से आदिवासियों को अपने साथ जोड़ने की कवायद में जुटी (Efforts to connect tribal society with BJP)है। इसी क्रम में आगामी 22 से 24 अक्टूबर को रांची में बीजेपी एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आहूत की जा रही है। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा(JP nadda) और कई केंद्रीय पदाधिकारियों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल आठ मंत्रियों तथा लोकसभा एवं राज्यसभा के 46 सांसद रांची आएंगे। साथ ही भाजपा शासित राज्यों के सभी आदिवासी मंत्री और मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी भी रांची आएंगे।
बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद समीर उरांव ने रविवार को रांची के डिबडीह स्थित कार्निवाल बैंक्वेट हॉल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 22 से 24 अक्टूबर तक आहूत तीन दिवसीय कार्यकारिणी की बैठक में सात सत्रों के माध्यम से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि 22 अक्टूबर को पहले दिन एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय और सभी राज्यों से आये पदाधिकारियों की बैठक होगी, वहीं 23 अक्टूबर को विधिवत रूप से कार्यकारिणी की बैठक शुरू होगी। उदघाटन से समापन तक सात सत्रों में विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी तथा प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
समीर उरांव ने बताया कि एसटी मोर्चा की कार्यसमिति में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का मार्गदर्शन कार्यकर्त्ताओं को प्राप्त होगा। इसके अलावा राष्ट्रीय संगठन् महामंत्री बीएल संतोष, संगठन से जुड़े कार्यां को देखने वाले वी सतीश, मोर्चा और झारखंड के प्रभारी दिलीप सैकिया भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। उन्हांने झारखंड में मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति आयोजित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का आभार व्यक्त किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में जनजातीय समाज के आठ मंत्रियों को शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री का विशेष तौर पर आभार व्यक्त किया। समीर उरांव ने कहा कि आजादी बाद से पूर्व की सरकारों ने जनजातीय समाज को सिर्फ वोट बैंक के रूप में देखा। पहली बार तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जनजातीय मंत्रालय की स्थापना की। इसके साथ ही जनजातीय मामलों का समाधान कैसे हो, इसके लिए ट्राइबल कमीशन का गठन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सभी कामों को आगे बढ़ा रहे है। जनजातीय बहुल क्षेत्रों में रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया गया, एकलक्ष्य विद्यालय के माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा देने और वन धन केंद्रों के माध्यम से जनजातीय समाज की समृद्धि और उन्नति का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस मौके पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश और एसटी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव भी उपस्थित थे।
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