रांची। सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के विधायकों के एक शिष्टमंडल ने सोमवार को राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।
राज्यपाल को सौंपे गये ज्ञापन में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए के तहत जिन छह बिन्दुओं को इंगित किया है,उसमें माइंस लेने का मामला नहीं आता है। विधायकों ने राज्यपाल से मांग की है कि भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें जो ज्ञापन दिया था, उसे केंद्रीय निर्वाचन आयोग को भेजा गया है, उसी तरह से सत्ताधारी विधायकों के दिये गये ज्ञापन को भी भारत निर्वाचन आयोग को भेजा जाए, ताकि भाजपा जो भ्रम की स्थिति फैला रही है, वह खत्म हो सके।
राज्यपाल से मिलने वालों में आरजेडी विधायक और मंत्री सत्यानंद भोक्ता, जेएमएम विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, मथुरा प्रसाद महतो, बैद्यनाथ राम, कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप और जेएमएम के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य शामिल थे।
राज्यपाल से मिलने के बाद सत्ताधारी दल के विधायकों ने दावा किया कि हेमंत सरकार पर किसी तरह का कोई संकट नहीं है और सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। सत्ताधारी दल के नेताओं ने कहा कि जब से राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गैर भाजपा गठबंधन की सरकार बनी है, तब से लगातार भाजपा सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। तीन उपचुनाव के दौरान भी भाजपा यह दावा करती रही कि सरकार गिर जरएगी, लेकिन यह गलत साबित हुआ।
राज्यपाल से प्रशिक्षु आईपीएस ने मुलाकात की
रांची। राज्यपाल रमेश बैस ने राज्यपाल के परिसहाय (पुलिस) के पद के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रेषित भारतीय पुलिस सेवा के तीन अधिकारियों के पैनल में श्रीकांत सुरेशराव खोत्रे, भा.पु.से. (2015 बैच) के नाम पर अपनी सहमति प्रदान की है।
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