March 29, 2024

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गांव में थी बिजली संकट, नदी की तेज धार से बिजली उत्पादन कर एक ग्रामीण ने दूर की परेशानी

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व्यक्तिगत प्रयास से ग्रामीण ने मिनी हाइड्रो पावर प्लांट लगाकर पहले 12 वोल्ट, फिर 1 किलोवाट और अब 5 किलोवाट बिजली उत्पादन शुरू किया
रांची। सुदूरवर्ती जंगल और नदी तट के किनारे इस छोटे से जलते बल्ब को देखकर आप सोच रहे होंगे, कि सरकार ने हर घर में बिजली पहुंचाने के साथ पहाड़, नदी और वन क्षेत्रों में भी बिजली की सुविधा उपलब्ध करा दी है। लेकिन आपका यह सोचना गलत होगा। झारखंड में रामगढ़ जिले के दुलमी प्रखंड के बयांग गांव में रहने वाले एक साधरण ग्रामीण ने अपनी मेहनत से नदी की तेज धारा से मिनी हाइड्रो पावर प्लांट बनाकर गांव-घर, मंदिर और चौक-चौराहों तक बिजली पहुंचाने में कामयाबी हासिल की है।
रामगढ़ के दुलमी प्रखंड के बयांग गांव के रहने वाले केदार प्रसाद महतो के मन में वर्षाे से बिजली संकट से निपटने की योजना को लेकर जद्दोजहद चल रही थी। आखिरकार वर्षाें के अथक प्रयास के बाद देसी जुगाड़ से मिनी हाइड्रो पावर प्लांट के सहारे उन्हें सबसे पहले 12 वोल्ट का बिजली उत्पादन करने में सफलता मिली, बाद में 1 किलो वाट और अब उन्हें 5 किलोवाट बिजली उत्पादन करने में सफलता मिल गयी है। हालांकि इस कार्य में उनका करीब 3 लाख रुपये खर्च भी हो गया।
केदार प्रसाद महतो का अब सपना है कि वे अपने छोटे से गांव के करीब 1500 घरों तक बिजली पहुंचा सके। केदार की इस सफलता के बाद ग्रामीण भी काफी उत्साहित है और उनकी योजना को मूर्त्तरूप देने के लिए सरकार से मदद नहीं मिलने की स्थिति में चंदा एकत्रित कर गांव के हर घर में 24 घंटे बिजली आपूर्ति का सपना देख रहे है। केदार का कहना है कि 5 किलो वाट बिजली पैदा कर अभी वे गांव के मंदिर और चौक पर बल्ब जला रहे है, इतने वाले से चार-पांच घर रोशन हो सकते हैं, लेकिन अधिक बिजली उत्पादन के लिए सरकार की मदद जरूरी है।
केदार की इस सफलता से बिजली विभाग के अभियंता और पदाधिकारी भी खासे उत्साहित है। बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता केके सिंह का मानना है कि इस तरह की छोटी-छोटी हाइड्रल परियोजनाओं से सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित किया जा सकता है।
दूसरी तरफ गांव की छात्रा प्रियंका कुमारी और अन्य ग्रामीणों का कहना है कि आने वाले समय में यह गर्व की बात होगी कि गांव के ही अपने आदमी, अपने ही गांव में बिजली देंगे। यदि केदार प्रसाद महतो को सरकारी सहायता मिल जाए, तो गांव में बिजली की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।
पहाड़ों और पठारों से घिरे झारखंड के विभिन्न क्षेत्रो मिनी हाइड्रो प्लांट लगाने की अपार संभावनाएं है और इसके माध्यम से काफी हद तक बिजली संकट का समाधान हो सकता है।

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