सीएम हेमंत सोरेन ने अति प्राचीन फॉसिल्स पार्क किया उदघाटन, कहा- यहां के फॉसिल्स ब्रह्मांड की रचना के पूरे इतिहास को समेटे हैँ
साहिबगंज। धरती की उत्पत्ति कैसे हुई? मानव और अन्य जीवो की रचना का क्या आधार था? किस तरह मानव जीवन का विकास होता चला गया? मंडरो – राजमहल की पहाड़ियों का इतिहास इसकी गवाह है। झारखंड के साहिबगंज जिले के राजमहल की पहाड़ियों, पेड़ों और चट्टानों में धरती की उत्पत्ति का राज छिपा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को राजमहल के मंडरो में अवस्थित विश्वस्तरीय फॉसिल्स पार्क तथा फॉसिल्स म्यूजियम-सह-ऑडिटोरियम का उदघाटन किया।
विशेष आकर्षण का केंद्र होगा यह पार्क
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडरो की पहाड़ियों पेड़ों और चट्टानों का इतिहास उतना ही पुराना है जितना धरती पर जीवों के आगमन काल और शायद उससे भी पुराना। यह फॉसिल्स पार्क न सिर्फ पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि भूगर्भ शास्त्रियों और विद्यार्थियों के शोध को भी नई दिशा देगा।
डायनासोर युग का भी रह है गवाह
मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती पर मानव जीवन की रचना का इतिहास बताने वाले गिने चुने ही जगह पूरी दुनिया में हैं। उसमें साहिबगंज स्थित मंडरो की धरती पहले स्थान पर है। यहां की पहाड़ियों और जंगलों में ऐसा खजाना छिपा है, जो बिरले ही कहीं देखने को मिलेगा। यहां के फॉसिल्स ब्रह्मांड की रचना के पूरे इतिहास को अपने आप में समेटे हुए है। पूरे देश-दुनिया को इसकी जानकारी हो। साथ ही यहां के फॉसिल्स को संरक्षित रखने के लिए ही इसे फॉसिल पार्क का रूप दिया गया है। राजमहल की पहाड़ियों में पाये जाने वाले जीवाश्म से पता चलता है कि यहां 118 करोड़ से अधिक समय पहले उस वक्त भी जीवन था, जिसे डायनासोर युग कहा जाता था।
इस अवसर पर सांसद विजय कुमार हांसदा, वन विभाग के एपीसीसीएफ एनके सिंह, क्षेत्रीय वन संरक्षक सतीश चंद्र राय समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।
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