प्राईवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों पर रहेगी खुफिया एजेंसियों की नजर
रांची। रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) का 1300 करोड़ रुपये की लागत से कायाकल्प होगा। वहीं रिम्स में कार्यरत डॉक्टरों के प्राईवेट प्रैक्टिस पर अब खुफिया एजेंसियों की नजर होगी। यह फैसला आज स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की अध्यक्षता में हुई रिम्स शासी परिषद की बैठक में लिया गया।
रिम्स आने वाले असहाय और गरीब मरीजों के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे मरीज भी आते है, जिनके पास आधार कार्ड या अन्य प्रमाण पत्र नहीं होता है, लेकिन उन्हें तत्काल इलाज की जरूरत है। इसलिए विभागाध्यक्ष, चिकित्सा पदाधिकारी और अधीक्षक को 50 हजार रुपये तक की छूट देने का प्रावधान किया गया। वहीं रिम्स निदेशक को साल में 50 हजार से 1 लाख रुपये और विभागीय मंत्री को 1 से 5 लाख रुपये तक स्वीकृत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है।
रिम्स में मरीजों की भीड़ से निपटने के लिए पांच मंजिला नया भवन बनाने का भी प्रस्ताव है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि रिम्स के ओपीडी में प्रतिदिन 2 से ढ़ाई हजार मरीज आते है, कई मौकों पर जगह की कमी के कारण अव्यवस्था का सामना करना पड़ता है, इसलिए अब पांच मंजिला भवन बनाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि पांच अलग-अलग भवन भी बनाने के प्रस्ताव पर सहमति जतायी गयी है। जिसमें बच्चों और महिलाओं के लिए 250 से बढ़ाकर 300 बेड किये जाएंगे, जबकि सुपर स्पेशालियालिटी में भी बेड की संख्या को बढ़ाकर 750 किया जाएगा।
रिम्स में जल्द ही लंग्स के समुचित इलाज के लिए इकमो मशीन की खरीद की जाएगी। वहीं कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर से निपटने के लिए भी कई मशीनों की क्रय की जाएगी। इसके अलावा 20 डायलिसिस मशीन पीपीपी मोड पर रिम्स में लगाया जाएगा।
रिम्स में चतुर्थ श्रेणी में पिछले 10 सालों से काम कर रहे कर्मचारियों का समायोजन होगा, इसके अलावा मैन पावर बढ़ाने के मसले पर भी चर्चा हुई।
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