April 16, 2024

view point Jharkhand

View Point Jharkhand

जंगलों में छिपा है पेट्रोलियम पदार्थां का विकल्प

Spread the love


खोज और अनुसंधान में आयी तेजी

जैट्रोफा और करंज पेड़ जैसी नयी प्रजातियों की खोज और गुणवत्ता सुधार में जुटा वन उत्पादकता संस्थान
रांची। पेट्रोलियम पदार्थां के लिए भारत की दूसरे देशों पर निर्भरता और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में निरंतर हो रही वृद्धि के बीच लगातार वैकल्पिक इंधन की खोज पर शोध और अनुसंधान का काम चल रहा हैं। भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद की रांची स्थित अनुषंगी इकाई वन उत्पादकता संस्थान भी केंद्र सरकार के निर्देश पर लगातार नयी खोज और रिसर्च में जुटी हैं।
वन उत्पादकता संस्थान के निदेशक और वैज्ञानिक डॉ0 नितिन कुलकर्णी का मानना है कि पेट्रोलियम पदार्थां का विकल्प (The alternative of petroleum products)जंगल (forests) में ही छिपा हैं। इस संवाददाता से विशेष बातचीत में डॉ0 कुलकर्णी ने कहा कि वातावरण और पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिक लगातार इस कोशिश में जुटे है कि कैसे बायो प्रोडक्ट को बढ़ावा मिला और प्रदूषण को कम किया जा सके। केंद्र सरकार भी इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है और वैकल्पिक इंधन की खोज को लेकर लगातार जंगल में शोध और अनुसंधान का काम चल रहा हैं।
दुनिया भर में पेट्रोलियम पदार्थां की सीमित मात्रा के कारण अब सभी देश वैकल्पिक इंधन के स्त्रोत तलाशने में जुटे हैं, ऐसे में देश में भी कई ऐसे पेड़-पौधे हैं है, जिसका उपयोग पेट्रोल-डीजल के विकल्प के रूप में संभव हैं। इनमें जैट्रोफा और करंज समेत अन्य पेड़ की उपलब्धता भारत में हैं। झारखंड में भी करंज की पेड़ बहुतायत संख्या में पायी जाती हैं, कैसे इनकी गुणवत्ता में सुधार हो और इससे ज्यादा से ज्यादा तेल निकाला जा सके, इस दिशा में संस्थान की ओर से शोध किये जा रहे हैं। इसके अलावा इस तरह के अन्य पेड़-पौधों की भी पहचान की जा रही है, जिससे बॉयो प्रोडक्ट का उत्पादन हो सके।

About Post Author