शिक्षा विभाग की ओर से गाइडलाइन जारी
रांची। झारखंड के 17 जिलों में पहली कक्षा से लेकर सभी स्कूल कॉलेजों और सात जिलों में क्लास 9वीं से ऊपर के स्कूल खोलने का निर्णय आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में लिया गया था, वहीं बुधवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से स्कूल खोलने को लेकर आवश्यक गाइडलाइन भी जारी कर दिया गया। फिलहाल राज्य सरकार की ओर से 17 जिलों के सभी सीबीएसई और आईएससीई बोर्ड से संबद्ध मान्यता प्राप्त गैर सरकारी निजी विद्यालयों में वर्ग 1 से 12वीं की कक्षाओं तथा 7 जिलों में कक्षा 9 से 12वीं की कक्षाओं का संचालन शुरू करने का आदेश दिया गया है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से आज जारी आदेश में सरकारी स्कूलों के बारे में फिलहाल कोई दिशा-निर्देश नहीं दिया गया है।
शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो ने बताया कि झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और स्वास्थ्य विभाग से परामर्श के बाद शिक्षा विभाग ने राज्य के अभिभावकों के आग्रह पर सभी स्कूलों को 4 फरवरी से खोलने का निर्णय लिया गया है। इसे लेकर आज विभागीय पत्र भी निर्गत कर दिया गया है। इसके तहत 17 जिलों में 1 से 12वीं कक्षा की पढ़ाई होगी, वहीं 7 जिलों रांची, सिमडेगा, देवघर, चतरा, बोकारो, पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला में कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई होगी। सभी जिलों में कोचिंग संस्थान भी खुले रहेंगे। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने तय सीमा में ही मैट्रिक और इंटर की परीक्षा लेने की बात कही है।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा सभी जिलों के उपायुक्तों, क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक और शिक्षा पदाधिकारी तथा शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिखकर स्कूल खोलने को लेकर कई दिशा निर्देश दिये गये है।
स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि राज्य के सभी प्राथमिक सरकारी और निजी विद्यालय 17 मार्च 2020 से कोरोना महामारी के कारण बंद है, जबकि 8वीं से 12वीं के विद्यालयों को कोविड-19 मानकों को ध्यान में रखते हुए खोला गया था, लेकिन तीसरी लहर के कारण पुन‘ 3 जनवरी 2020 से विद्यालय बंद कर दिया गया। इस दौरान ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई होती रही। अब 1 से 12वीं के विद्यार्थियों के पठन-पाठन की व्यवस्था शिक्षकों के मार्गदर्शन में उपलब्ध कराने के लिए स्कूलों को खोला जाना जरूरी हो गया है।
विभाग द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि सभी सीबीएसई, सीआईएससीई बोर्ड से संबद्ध मान्यता प्राप्त गैर सरकारी निजी विद्यालय जहां कक्षा 1 से 12वीं तक की पढत्राई होती है, उन स्कूलों के बच्चों को अभिभावकों की सहमति से ही बुलाने की अनुमति दी गयी है। इसके साथ ही सभी स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम से सभी अन्य सभी कक्षाओं का संचालन पूर्व की भांति होगा।
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