रांची। अरबों रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाले मामले में मंगलवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत द्वारा आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद को दोषी करार देने के साथ ही उन्हें हिरासत में ले लिय और नियम के मुताबिक उन्हें जेल ले जाया गया। इस बीच लालू प्रसाद के अधिवक्ता की ओर से उनकी बढ़ती उम्र तथा बीमारियों को ध्यान में रखते हुए अस्पताल भेजने का आग्रह किया गया। जिसके बाद अदालत ने जेल सुपरीटेंडेंट को नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश दिया।
करीब सवा दो बजे लालू प्रसाद को कड़ी सुरक्षा के बीच सीबीआई कोर्ट से होटवार जेल पहुंचाया गया। इस बीच जेल अधीक्षक द्वारा तत्काल मेडिकल टीम का गठन कर लालू प्रसाद के स्वास्थ्य की जांच शुरू की गयी। स्वास्थ्य जांच को लेकर रांची के सिविल सर्जन को भी विशेष रूप से बुलाया गया, जिसमें यह तय हुआ कि लालू प्रसाद जिन गंभीर बीमारियों से जूझ रहे है,ऐसे में उनका इलाज जेल अस्पताल में संभव नहीं है और रिम्स भेजने की सिफारिश की गयी। तत्काल ही जेल प्रशासन की ओर से सारी आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी करते हुए एंबुलेंस की व्यवस्था की गयी और लालू प्रसाद को रिम्स लाकर पेइंग वार्ड में भर्ती कराया गया।
इधर, लालू प्रसाद के रिम्स आने की सूचना मिलते ही रिम्स प्रबंधन ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर दी। इससे पहले भी रांची जेल में रहने के दौरान लालू प्रसाद महीनों रिम्स में इलाजरत थे। उस वक्त उनका इलाज रिम्स के सीनियर चिकित्सक डॉ0 उमेश प्रसाद के नेतृत्व में इलाज होता था, लेकिन अब उनका निधन हो गया है, इसलिए अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने रिम्स पहुंचते ही लालू प्रसाद का इलाज शुरू किया।
इधर, लालू प्रसाद को रिम्स लाये जाने की सूचना मिलते ही आरजेडी के वरिष्ठ नेता श्याम रज्जक, जयप्रकाश यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी, भोला यादव समेत अन्य वरिष्ठ नेता रिम्स परिसर पहुंच गये। वहीं बड़ी संख्या में आरजेडी कार्यकर्त्ता भी रिम्स पहुंचे। इस तरह से करीब दो घंटे में के अंदर ही लालू प्रसाद एक बार फिर से जेल से रिम्स पहुंच गये हैं और रिम्स पहुंचते ही लालू प्रसाद के परिजनों, समर्थकों और र्पाअी नेताओं-कार्यकर्त्ताआंे ने राहत की सांस ली।
लालू प्रसाद ए श्रेणी के कैदी है और जेल मैनुअल के मुताबिक उन्हें आवश्यक सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। पिछली बार भी लालू प्रसाद के रिम्स में रहने के दौरान सप्ताह में एक तीन दिन तीन लोगों को मिलने की छूट दी जाती थी।
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