रांची। झारखंड विधानसभा में राज्य के वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा पेश किए गए बजट पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। श्री प्रकाश आज प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।
श्री प्रकाश ने कहा कि राज्य का बजट दिशा विहीन,दृष्टि विहीन ,नीति विहीन और नियत विहीन बजट है। उन्होंने कहा कि इसमे कही भी राज्य को विकसित करने,सजाने और संवारने की सोच नही है। राज्य के वित्त मंत्री ने अपने तीसरे बजट में भी राज्य के युवाओं,किसानों,महिलाओं,अनुसूचित जाति, जनजाति ,पिछड़ों को फिर एक छलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पूरे बजट भाषण को सुनकर यह स्पष्ट है कि यह जनता से पूछकर या जनभावनाओं के अनुरूप बनाया गया बजट नही है बल्कि केवल आंकड़ों की बाजीगरी और बजट पेश करने की औपचारिकता वाला बजट है।
दीपक प्रकाश ने कहा कि आंकड़ो में स्पष्ट है कि 2021..22की बजट राशि 91277 करोड़ में यह सरकार अबतक 42:राशि खर्च कर पाई है। यह पूरी तरह राज्य सरकार का वित्तीय कुप्रबंधन और विफलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम है कि राज्य का विकास दर वर्तमान वर्ष में 8.8ःएवम आगामी वर्ष में 6.1ःअनुमानित हैं जो कि केंद्रीय विकास दर एवम अन्य कई राज्यों के विकास दर से काफी कम है। उन्होंने कहा कि यह सरकार लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करने में लगी है, जबकि पिछली सरकार की तुलना में इस सरकार को 20ःसे ज्यादा अनुदान केंद्र से प्राप्त हुआ है
दीपक प्रकाश ने कहा कि भरपूर केंद्रीय सहायता मिलने के वावजूद यह सरकार ग्रामीण विकास विभाग,पथ निर्माण, शिक्षा, उद्योग, सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में बजट घटाया है
इस बजट में पंचायत चुनाव पर कोई चर्चा नही है। पंचायत चुनाव नही होने का ही नतीजा है कि ग्रामीण विकास का( एक तिहाई बजट) 33ःही खर्च कर पाई।
झारखंड 2018 ..19 में पावर सरप्लस स्टेट था जो इस सरकार नाकामी की वजह से पावर डेफिसिट स्टेट बन गया है। उन्होंने कहा कि बजट में नई शिक्षा नीति के साथ केंद्रीय बजट के प्रावधानों के अनुरूप गति शक्ति योजना,गंगा किनारे नेचुरल फार्मिंग ,सोलर एनर्जी, जल जीवन मिशन आदि पर कोई प्रावधान नही है। अपने घोषणाओं के अनुरूप मेदिनीनगर,हजारीबाग,चाईबासा ,को उप राजधानी बनाने का कोई प्रावधान बजट में नहीकिया इस सरकार ने।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़क बनाने का लक्ष्य था जिसमे 377 किलोमीटर सड़क ही बन पाया।
यह सरकार युवाओं के रोजगार,बेरोजगारी भत्ता,किसानों के 2लाख तक के ऋण माफी, पर मौन है। अबतक 9लाख 7हजार ऋण धारक किसानों में से सरकार मात्र 2लाख 11हजार कृषकों का ही ऋण माफी कर पाई।
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