रांची। झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान राज्यपाल ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को झारखंड की तमाम गतिविधियों की जानकारी दी। राज्यपाल के इस दिल्ली को राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जा रहा है।
अब भारत निर्वाचन आयोग सीएम हेमंत सोरेन का सुनेगा पक्ष
इधर,मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से संबंधित पत्थर खदान लीज से मामले में मुख्य सचिव की ओर से भारत निर्वाचन आयोग को सारे दस्तावेज उपलब्ध करा दिये गये है। अब निर्वाचन आयोग मुख्यमंत्री का पक्ष सुनेगा, उसके बाद ही यह फैसला करेगा कि हेमंत सोरेन पर लगे आरोप लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए के आलोक में विधानसभा से उनकी सदस्यता समाप्त करने के लिए पर्याप्त है या नहीं।
मुख्य सचिव ने समय से पहले सारे दस्तावेज आयोग को भेजे
इससे पहले राज्यपाल रमेश बैस ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के माइनिंग लीज प्रकरण से जुड़े मामले में भाजपा नेताओं से शिकायत मिलने के बाद अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए शिकायती पत्र को भारत निर्वाचन आयोग के पास भेजा था। इस पत्र के आधार पर ही भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 15 दिनों के अंदर माइनिंग दस्तावेज से संबंधित आवश्यक दस्तावेज मांगे थे। मुख्य सचिव को 3 मई तक जवाब देना था, लेकिन उससे पहले ही मुख्य सचिव ने सारे दस्तावेज को आयोग को भेज दिया।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम व लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत कार्रवाई की मांग
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ने लोक सेवक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने नाम से पत्थर खनन का पट्टा लिया। ऐसे में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (2) के तहत कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा खनन लीज लेने को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए के दायरे में बताया गया है।
जेएमएम ने कहा-सीएम ने कुछ छिपाया नहीं
इधर, जेएमएम के केंद्रीय सदस्य सुप्रियो सदस्य ने बीजेपी द्वारा लगाये गये सभी आरोप को बेबुनियाद और निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसी भी तथ्य को छिपाया नहीं है। बीजेपी नेता जिस खनन की लीज की बता कर रहे हैं, उसका अभी तक कंसेट टू ऑपरेट (सीटीओ) नहीं हुआ है।

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