खुद को बताया निर्दोष
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तरफ से ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में शुक्रवार चुनाव आयोग की नोटिस का जवाब सौंप दिया गया। मिली जानकारी के मुताबिक विशेष मैसेंजर के जरिए जवाब की कॉपी नई दिल्ली स्थित निर्वाचन आयोग के दफ्तर में सबमिट कर दिया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग को भेजे गये जवाब में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि एक विधायक के रूप में लीज लेना किसी कानून के तहत अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है। यह आयोग्य ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि 17 मई 2008 को अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन 10 वर्ष के लिए स्वीकृत की गयी थी। 2018 में लीज नवीनकरण के लिए आवेदन दिया था, जो लैप्स हो गया। 2011 में फिर आवेदन मांगा गया। सभी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए माइनिंग लीज मिली। फिर 2021 में आवेदन मांगा गया। सभी प्रक्रियोंओं का पालन करते हुए माइनिंग लीज मिली। लीज कार्यान्वित करने की स्वीकृति नहीं मिली। 4 फरवरी 2022 को लीज सरेंडर भी कर दिया गया। इसलिए किसी भी कानून के तहत एक विधायक को आयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है।
इससे पहले चुनाव आयोग ने 2 मई को इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन को नोटिस भेजा और 10 मई तक जवाब देने को कहा। मगर मुख्यमंत्री ने अपनी मां के बीमारी का हवाला देते हुए नोटिस नहीं पढ़ने का कारण बताते हुए समय मांगा। इसके बाद इलेक्शन कमीशन ने 10 दिन का समय दे दिया। जिसकी मियाद आज समाप्त हो रही थी।
More Stories
झारखंड खेल नीति 2022 का लोकार्पण, सीएम ने कहा- खिलाड़ियों को न्यूनतम 50 हजार सम्मान राशि मिलनी चाहिए
शिबू सोरेन परिवार ने 250 करोड़ रुपये की 108 परिसंपत्ति का साम्राज्य खड़ा कियाः बाबूलाल
धनबाद एसएसपी की मौन सहमति से कोयले का अवैध खनन-परिवहन धड़ल्ले से जारी-सीता सोरेन