वर्ष 2012, 2014 और 2016 के राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग की शिकायत को लेकर झारखंड की हुई थी काफी बदनामी
रांची। द्विवार्षिक राज्यसभा चुनाव के लिए मंगलवार को नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी। झारखंड में इस बार दो सीटों के लिए सिर्फ दो प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल किया है, जिसके कारण इस बार मतदान की नौबत नहीं जाएगी।
राज्यसभा की दो सीटों के लिए भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी आदित्य साहू और झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी ने नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन पर्चा भरा। वहीं दोपहर तीन बजे नामांकन दाखिल करने का वक्त समाप्त हो गया। इस तरह से आदित्य साहू और महुआ माजी का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है।
1 जून को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और 3 जून को दोपहर तीन बजे तक नामांकन पत्र वापस लिये जा सकेंगे। नामांकन पत्र वापस लेने का अंतिम समय समाप्त हो जाने के बाद भारत निर्वाचन आयोग की ओर से दोनों ही उम्मीदवारों के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की जाएगी । चुनाव आयोग से अनुमति मिलने के बाद राज्यसभा के निर्वाची पदाधिकारी सह विधानसभा के प्रभारी सचिव द्वारा दोनों ही निर्विरोध निर्वाचित सदस्यों को प्रमाण पत्र सौंप दिया जाएगा।
राज्यसभा चुनाव में दो सीटों के लिए सिर्फ दो प्रत्याशियों द्वारा इस बार मतदान की नौबत नहीं आयी, जबकि इससे पहले वर्ष 2012, वर्ष 2014 और 2016 के राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप को लेकर झारखंड की काफी बदनामी हुई थी। इनमें से दो मामलों की सीबीआई जांच चल रही है, जबकि वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी ने दोनों ही सीटों पर जीत हासिल की थी। जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास, उनके प्रेस सलाहकार अजय कुमार और एडीजी अनुराग गुप्ता पर गंभीर आरोप लगे थे। इन आरोपों के कारण एडीजी अनुराग गुप्ता को करीब दो वर्षाें तक निलंबित रहना पड़ा और हाल ही में कैट के आदेश पर उनका निलंबन समाप्त हुआ है।

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