मां ने कहा- मेरी बेटी नहीं थी, बेटा था, हमेशा लडका जैसा रहती थी
रांची। झारखंड में रांची के तुपुदाना इलाके में बुधवार तड़के गौ तस्करों ने वर्ष 2018 बैच की दारोगा संध्या टोपनो को कुचलकर मार डाला।
मृतका दारोगा की मां स्नेहलता टोपनो ने बताया कि संध्या उनके लिए बेटी नहीं थी, बेटा की तरह थी। बचपन से ही हमेशा लड़का जैसा पहन कर रहती थी और पुलिस-एनडीए में जाना चाहती थी, लेकिन जब तक उनके पिता जीवित थे, वे इसके सख्त खिलाफ थे, इसके बावजूद वह अपने पिता से चोरी-चुपके पुलिस-सेना में जाने की तैयारी में जुटी रही । पिता की मौत के बाद चुपचाप उसने फॉर्म भरा और वर्ष 2018 में जब मौका मिला, तो वह दारोगा बन गयी।
घटना से आहत स्नेहलता टोपनो ने बताया कि संध्या बचपन से ही पुलिस में जाने के लिए उत्सुक थी और शुरू से ही लड़के की तरह बनकर रहना चाहती थी, दारोगा बनने के बाद उसने अपनी मां को कहा था कि- मां अब डरना मत, तुम्हारी बेटी है, दारोगा है। घटना से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
र्व्ष 2018 में झारखंड पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर बहाल होने के पहले ही वर्ष 2016 में संध्या के पिता का निधन हो गया। वह अपने भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थी। उसकी बड़ी बहन सीमा टोप्पनो हाउसवाइफ है और संध्या का छोटा भाई पेयजल विभाग में नौकरी करता है।
संध्या के छोटे भाई ने बताया कि वह मंगलवार की रात 11 बजे अपनी बहन को तुपुदाना ओपी में छोड़ कर आया था और प्रतिदिन अपनी बहन को थाना पहुंचाना उसकी जिम्मेवारी थी। संध्या बचपन से ही पढ़ने में तेज थी और उसकी प्रारंभिक शिक्षा रांची के बिशप वेस्टकॉट में हुई और 10वीं पास करने के बाद उसने गोस्सनर कॉलेज में पढ़ाई की और रांची यूनिवर्सिटी से एमबीए किया।
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