परिजनों ने लगाये गंभीर आरोप, एसएसपी ने हर बिन्दु पर जांच का दिलाया भरोसा
रांची। झारखंड में रांची के तुपुदाना ओपी क्षेत्र में गौ तस्करों के वाहन की चपेट में आयी शहीद महिला दारोगा संध्या टोपनो को गुरुवार को राजधानी रांची के सिंह मोड़ क्रिमेटोरियम कब्रिस्तान में दफनाया गया। इस मौके पर सभी ने नम आंखों से संध्या टोपनो को अंतिम विदाई दी गयी। अंत्येष्टि के वक्त शहीद संध्या के परिजनों ने इस पूरे प्रकरण में कई गंभीर आरोप लगाये, वहीं एसएसपी ने हर बिन्दु पर जांच का भरोसा दिलाया।
रांची के सिंह मोड स्थित क्रिमेटोरियम कब्रिस्तान में संध्या को दफनाये जाने के मौके पर संध्या टोपन्नो के अंतिम दर्शन को लेकर परिजनों और उनके जानने वाले तथा आसपास के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान मृतक के परिजनों में खासा आक्रोश देखा गया और उनकी ओर से इस घटना को लेकर कई सवाल उठाये। परिजनों का कहना है कि तुपुदाना थाना प्रभारी आधी रात महज दो कांस्टेबल के साथ भेजकर गलत किया है। संध्या टोपनो के भाइयों ने सीनियर अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह एरिया का भी संवेदनशील है और वहां पर ना तो कोई सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है और ना ही कभी पुलिस लोग भी उधर पहुंचते हैं ऐसे में लेडी एएसआई को वहां पर भेजना कहीं से भी जायज नहीं है इसमें पूरे ऊपर के अधिकारी जिम्मेवार हैं। मृतका की बड़ी बहन ने भी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि लगातार उन्हें 10 दिन से रात ड्यूटी दिया जा रहा था। उनके भी परिसर में जितने भी केस आते थे, जो इंचार्ज थे उसे ही हैंड ओवर कर देते थे। उसे ही डील करने के लिए कहा जाता था और सुबह भी रात ड्यूटी रात में भी ड्यूटी कराया जाता था।
बताया गया है कि 20 जुलाई को तुपुदाना ओबी की सब इंस्पेक्टर संध्या टोपनो नाइट ड्यूटी पर थी। उनके साथ हवलदार सिबल प्रसाद, आरक्षी ब्रजेश बड़ाइक और किशोर केरकेट्टा टाटा सुमो गाड़ी सेरात्रि गश्त पर थे। पुलिस की गाड़ी को आरक्षी रसियन केरकेट्टा चला रहे थे।देर रात करीब 2 बजे तुपुदाना ओपी क्षेत्र में पशु तस्कर तेज रफ्तार के साथ मौके पर पहुंचे और संध्या टोपनो को कुचलते हुए फरार हो गये। लेकिन कोई बैकअप टीम नहीं थी, इस कारण पशु तस्कर वहां से भागने में सफल रहे। परंतु तोरपा और बसिया की पुलिस टीम पशु तस्करों का लगातार पीछा कर रही थी। इसी वजह से रांची के रिंगरोड पर पशु तस्करों को पकड़ा जा सका। अगर खूंटी और गुमला जिले की पुलिस टीम नहीं होती, तो पशु तस्कर आराम से फरार हो गये होते।
इस मामले में मृतका महिला दारोगा के साथ ड्यूटी में तैनात सिपाही के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है, जिसमें आईपीसी की धारा 353, 302, 34 के अलावा पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 (ए), (बी) (डी) (ई) लगायी है। साथ ही बिहार प्रजर्वेशन एंड इंप्रवमेंट ऑफ एनिमल एक्अ 1955 की धारा 4 (बी) और झारखंड बोवाइन एनिमल प्रोहिबिशन ऑफ स्लॉटर एक्ट 2005 की धारा 12 के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है।
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