रांची। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को ईडी द्वारा राजनीतिक इशारे पर पूछताछ के लिए समन किये जाने के विरोध में आज देशभर के सभी जिला मुख्यालयों में सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। इससे पहले 21जुलाई को सभी राज्यों की राजधानी में ईडी कार्यालय का घेराव और सत्याग्रह कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
संगठन सशक्तीकरण अभियान के संयोजक आलोक कुमार दूबे कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आज गुमला पहुंचे। जहां जिलाध्यक्ष समेत अन्य पार्टी कार्यकर्त्ताओं ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
इस मौके पर आलोक कुमार दूबे ने कहा कि ‘नेशनल हेराल्ड’ के राष्ट्रवादी लेखों की वजह से अंग्रेजी हुकूमत ने इस अखबार को कई सालांे के लिए बैन कर दिया था। आज मोदी सरकार भी उसी राह पर चलकर उससे जुड़े लोगांे को परेशान कर रही है। इस अखबार की स्थापना पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल जैसे राष्ट्रवादियों ने की। उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट में चल रही नेशनल हेराल्ड और एजेएल के द्वारा ऋण चुकाना संभव नहीं था, इसलिए कर्ज को इक्विटी शेयरों में बदलकर यंग इंडियन नामक ‘नॉट-फॉर-प्राफिट; कंपनी को आवंटित किया गया। पैसा का पूरा हिसाब कांग्रेस पार्टी पहले ही दे चुकी है। आर्थिक घाटे में चल रही नेशनल हेराल्ड की देनदारियों के भुगतान के लिए 2002 से लेकर 2011 के बीच 100 किस्तों में 90 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया था। अब कर्ज देना भी गलत कैसे हो सकता है।
आलोक कुमार दूबे ने कहा कि यह देश का पहला उदाहरण है, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा एक रुपये भी लेने या देने का कोई मामला नहीं बनता है, लेकिन दुराग्रह और राजनीति से प्रेरित ईडी की कार्रवाई सभी को चौंकाने वाली है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस भी इसी तरह की कार्रवाई करती, तो आज बीजेपी के कई नेता जेल के सलाखों के पीछे होते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय के निर्देशानुसार आज सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया गया। साथ ही कल जिस तरह से राज्य मुख्यालय में ईडी कार्यालय के घेराव को पार्टी कार्यकर्त्ताओं के सामूहिक नेतृत्व ने सफल बनाया था, उसे लेकर सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
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