रांची। झारखंड उच्च न्यायालय ने दुमका की अंकिता को जलाकर मारने की घटना में स्वतः संज्ञान लिया है और इस मामले में डीजीपी से जवाब मांगा है।
झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ0 रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने महाधिवक्ता को राज्य के डीजपी को बुलाने का निर्देश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद डीजीपी अदालत में उपस्थित हुए। जबकि गृह सचिव के अवकाश पर होने के कारण उनके अधिकारी अदालत में उपस्थित हुए। अदालत ने डीजीपी से पूछा कि पीड़िता के परिजन को क्या पर्याप्त सुरक्षा दी गयी है। अदालत ने अब तक ऐसे मामले से निपटने के लिए उठाये गये कदम के बारे में भी जानकारी मांगी। अदालत ने पीड़िता के परिजनों को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि दुमका की अंकिता को 23 अगस्त को एक सिरफिरे युवक ने खिड़की से पेट्रोल छिड़कर आग के हवाले कर दिया था, इलाज के क्रम में पीड़िता की 28अगस्त को रांची में मौत हो गयी। जिसके बाद राज्य सरकार की ओर से 10 लाख रुपये की सहायता पीड़ित परिवार को दी गयी है। वहीं राज्यपाल ने विवेकानुदान मद से 2 लाख रुपये की सहायता देने की बात कही है। वहीं बीजेपी सांसद निशिकंात दूबे और अन्य की ओर से क्राउड फंडिंग के माध्यम से 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि पीड़ित परिवार को उपलब्ध कराने की बात कही गयी है।
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