October 6, 2024

view point Jharkhand

View Point Jharkhand

सीएम हेमंत सोरेन ने हर स्थिति से निपटने के लिए बनाये 6 प्लान

Spread the love




रांची। झारखंड में सियासी हलचल के बीच सीएम हेमंत सोरेन की अब तक रणनीति काफी आक्रमक नजर आ रही है। यूपीए के तमाम विधायकों को अब तक एकजुट रखने के साथ वे बीजेपी पर निशाना साधते नजर आ रहेे है। वहीं यूपीए अब 5 सितंबर को विधानसभा का एकदिवसीय विशेष सत्र आहूत कर 6 प्लान बनाये है।
यूपीए की ओर से 5 सितंबर को एकदिवसीय विशेष सत्र आहूत करने के पहले राज्यपाल द्वारा सीएम के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में फैसला दिये जाने की स्थिति में भी प्लान ए से लेकर प्लान एफ तक की अलग-अलग रणनीति बनायी गयी है।

विधानसभा में यूपीए विधायकों शक्ति प्रदर्शन
प्लान ए के तहत यदि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में सीएम हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द नहीं होती, तो किसी तरह की संकट की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी और 5 सितंबर को यूपीए की ओर से विधानसभा में शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा।
इस्तीफा देकर फिर से सरकार बनाने का दावा
वहीं प्लान बी में यदि राज्यपाल सीएम हेमंत सोरेन की सिर्फ सदस्यता रद्द करते है, तो फिर वे अपने पद से तुरंत इस्तीफा देकर तुरंत जेएमएम और यूपीए विधायक दल की बैठक कर फिर से सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। जिसके बाद राज्यपाल द्वारा शपथ ग्रहण कराने और निर्धारित समय दिये जाने पर विधानसभा में बहुमत सिद्ध करेंगे।

चुनाव लड़ने से रोक पर अदालत का सहारा

प्लान-सी में सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दिये जाने के साथ ही अगले कुछ महीने तक उनके विधानसभा चुनाव लड़ने पर भी रोक लगाये दिये जाने की स्थिति में सीएम हेमंत सोरेन की ओर से तुरंत सर्वाेच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा और इस फैसले पर रोक लगाने की अपील की जाएगी। यदि उन्हें अदालत से सफलता मिल जाती है, तो ठीक है, अन्यथा फिर अन्य विकल्पों पर विचार करेंगे।

सोरेन परिवार से ही नये नेता का चुनाव

प्लान-डी में सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो जाने और चुनाव लड़ने पर रोक लग जाने की स्थिति में पहले जेएमएम विधायक दल की बैठक होगी और इस बैठक में नये नेता का चुनाव किया जाएगा। इस प्लान के तहत शिबू सोरेन परिवार के ही किसी सदस्य को नेता चुना जाएगा, जिसके बाद फिर से राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा।


राज्यपाल दावे को कर सकते है खारिज
प्लान ई में मौजूदा राजनीतिक अनिश्चितता के बीच राज्यपाल सीएम हेमंत सोरेन की सदस्यता समाप्त होने के बाद यूपीए खेमा के किसी नये दावे को खारिज भी कर सकते है, कुछ दिनों अन्य तकनीकी अड़चन भी आ सकती है। ऐसे में यूपीए की ओर से राजभवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक अपने विधयकों का परेड कराने की भी योजना बनायी है।

परिवार बाहर भी नये नेता का चुनाव संभव
प्लान-एफ में यदि जेएमएम प्रमुख शिबू सोरेन के परिवार के किसी सदस्य को नेता चुने के नाम पर सर्वसम्मति नहीं बन पाती है, तो परिवार के बाहर से भी नेता का चुनाव संभव है। ऐसे में जेएमएम के सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण उसी दल से नेता का चुनाव किया जाएगा, वहीं कांग्रेस की ओर से भी दावेदारी की जा सकती है। लेकिन इस पांचवें विकल्प की संभावना काफी क्षीण है। परंतु इतना तो तय है कि यूपीए किसी भी परिस्थिति में अभी हाथ से आसानी से सत्ता निकलने नहीं देना चाहेगा।

About Post Author