चार शिफ्ट में होगी आराधना, चर्चा में कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए होगी विशेष मिस्सा
रांची। आज प्रभु Jesus के जन्म की रात है। पापों से मुक्ति दिलाने के लिए प्रभु यीशु शुक्रवार रात 12 बजे चरनी में जन्म लेंगे। प्रभु के जन्म लेते ही गिरजाघरों में आराधना शुरू हो जाएगी। जन्मोत्सव का उल्लास बिखरेगा। खुशियां के गीज गूंजेंगे। मसीहन जश्न मनाएंगे, केक काटे जाएंगे।
इधर, प्रभु के जन्मोत्सव की तैयारी अंतिम चरण में सभी र्च सजधज कर तैयार है। गिरजाघरों में कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। चर्च के अंदर सोशल डिस्टेसिंग बनाये रखने की अपील की गयी हैं। चर्च में विश्वासियों की संख्या कम करने के लिए अतिरिक्त चर्च सर्विस की भी अपील की गयी हैं। रांची के मुख्य चर्च संत मरिया महागिरजाघर में रात 10.30बजे से मिस्सा शुरू होगी। आर्चबिशप मुख्य अनुष्ठाता होंगे। चार शिफ्ट में आराधना होगी और चर्चां में कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए विशेष मिस्सा होगी।
माना जाता है कि लगभग दो हजार वर्ष पूर्व आज ही के दिन इजराइल देश के बेतूलहम नगर में आधी रात को ईसा मसीह का जन्म हुआ था। उसी की याद में विश्व भर के ईसाई संप्रदाय के लोग आज क्रिसमस का त्योहार मनाते हैं। इसे लोग जन्म पर्व और बड़ा दिन के नाम से भी पुकारते हैं।
क्रिसमस की पूर्व संध्या पर रांची धर्म प्रांत के बिशप फेलिक्स टोप्पो और सहायक विशप थेयोडोर मस्करेनस ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि क्रिसमस में फिजूलखर्ची रोककर जरूरतमंदों की सेवा करना ही इस वर्ष क्रिसमस का मुख्य संदेश है।
सहायक बिशप थयोडोर मस्करेनस ने कहा कि ईसा मसीह विश्वशांति, सद्भावना और भाईचारा के लिए इस धरती पर आए थे। इसलिए उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलना ही सच्चे अर्थ में क्रिसमस है।इस अवसर पर दोनों विशपो ने संयुक्त रुप से क्रिसमस का प्रतीक क्रिसमस केक काटकर क्रिसमस की शुरुआत की।
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