March 28, 2024

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गांव-गरीब के विकास में पूरी तरह विफल हेमन्त सरकारः नीलकंठ सिंह मुंडा

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रांची। ग्रामीण कार्य,ग्रामीण विकास विभाग  से संबंधित प्रेस वार्ता में राज्य सरकार के विफलताओं को उजागर करते हुए झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री,प्रदेश उपाध्यक्ष एवं खूंटी के विधायक  नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि जेएमएम-कांग्रेस- राजद गठबंधन की सरकार बने 2 वर्ष पूर्ण हो गए हैं। सरकार गठन के पूर्व जनता के लिए किए गए चुनावी वादों पर राज्य सरकार ने एक कदम भी कार्य नही किया है।
श्री मुंडा ने कहा कि गांव और गरीब से संबंधित योजनाओं  को धरातल पर उतारने में हेमंत सरकार पूरी तरह विफल है।
कहा कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा आवास विहीन लोगो को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में आवास निर्माण के लिए 1 लाख 57 हज़ार रुपये दिया जाता था। जिसमे मनरेगा के तहत अभिसरण के माध्यम से 90/95 मानव दिवस सृजित कर मजदूरी का भुगतान किया जाता था।  
उन्होंने कहा कि आवास विहीन विधवाओं को प्राथमिकता के तौर पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास उपलब्ध कराने हेतु यह योजना चलाई गई। जिसके तहत रघुवर सरकार द्वारा करीब 19000 आवास निर्माण की स्वीकृति दी गई परंतु वर्तमान सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माण राशि में 50 हजार की अतिरिक्त राशि को जोड़कर दिए जाने की घोषणा की थी।यह घोषणा अब तक घोषणा ही बनकर रह गई है।
श्री मुंडा ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार के समय मनरेगा के क्षेत्र में सरकार द्वारा उस वक्त ऐसे कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर किया गया जिससे ग्रामीण जनता लाभान्वित हो जैसे उन्हें रोजगार प्रदान करना एवं साथ ही साथ संपत्ति बना कर देने का कार्य किया जैसे तालाब,डोभा निर्माण इत्यादि।उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा बागवानी योजना के तहत लाभुकों को 5000 एकड़ टांड भूमि में आम बागवानी का कार्य किया गया। पिछली सरकार द्वारा नाबार्ड से संचालित 15 जिलों में 29 जल छाजन परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया गया था जिसे वर्तमान सरकार ने एजेंसी चयन का कार्य भी नहीं किया एवं इसे लगभग बंद कर दिया गया है।  
उन्होंने कहा कि जल छाजन मिशन योजना के तहत भाजपा सरकार ने वर्षा के पानी को खेत में ही रोकने के लिए ट्रेंच कटिंग का कार्य किया गया। जिसके फलस्वरूप लगभग 1 लाख 58000 एकड़ भूमि सिंचित किया गया। लेकिन वर्तमान सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है साथ ही साथ नाबार्ड से संचालित करीब 29 जल छाजन योजनाओं के लिए अभी तक एजेंसी का चयन नहीं कर पाई है इन योजनाओं का कार्य अभी तक अधूरा या लगभग बंद है।

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