कलाई के पास से कटा था हाथ , सफल ऑपरेशन के बाद और मरीज अपनी उंगलियां चला रहा है
रांची। रांची के एक प्राईवेट अस्पताल प्रॉमिस हेल्थ केयर में रविवार को दोपहर में लगभग 3.00 बजे के आसपास पूरी तरह से दो टुकड़ों में कटा हुआ हाथ लेकर एक मरीज को भर्ती कराया गया और अस्पताल के चिकित्सक और प्लास्टिक सर्जन डॉ0 विवेक गोस्वामी और उनकी टीम ने सफलतापूर्वक कटे हुए हाथ को जोड़ने का काम किया है और मरीज को जीवन में एक बड़ी राहत देने का काम किया।
चिकित्सकों के अनुसार पूरी तरह से हाथ कट जाने के बाद 6 से 8 घंटे के भीतर अगर ऑपरेशन ना किया जाता है, तो हाथ को बचाना असंभव हो जाता है। वहीं प्रॉमिस अस्पताल पहुंचने में मरीज को 8 घंटे वैसे भी हो चुके थे। डॉ0 गोस्वामी ने बताया कि यह मरीज दो-तीन जगह दिखा कर आया था जहां हाथ काटना यानी एंप्यूटेशन की सलाह दी गई थी।
परिजनों को जानकारी मिली कि इसके पूर्व में भी प्रॉमिस हॉस्पिटल में हाल ही में एक ऐसे मरीज का पैर बचाया गया था जिसका पैर लगभग कटा हुआ था एवं हड्डियों का कचूमर बना हुआ था। आनन-फानन में अस्पताल की पूरी टीम ने ऑपरेशन की तैयारी शुरू की। 3.00 बजे मरीज पहुंचा और 3.32 में सर्जरी शुरू कर दी गई।
पहले हड्डियों का टेंपरेरी इमरजेंसी फिक्सेशन डॉ दीपक वर्मा के द्वारा किया गया । डॉ दीपक वर्मा शहर के नामी-गिरामी ऑर्थाेपेडिक सर्जन के रूप में जाने जाते हैं। बाद में अस्पताल में कार्यरत प्लास्टिक माइक्रो वैस्कुलर सर्जन डॉक्टर विवेक गोस्वामी ने अपनी माइक्रोवस्कुलर सर्जरी के माध्यम से इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। डॉ0 गोस्वमी ने माइक्रोवस्कुलर सर्जरी की ट्रेनिंग विश्व के सबसे बड़े माइक्रोवस्कुलर सर्जरी सेंटर सी जी एम एच ताइवान एवं मेलबर्न से हासिल किया है। वहीं हाथ को जोड़ने और बचाने के लिए पैर की नसों को लेकर हाथ की नसों को बनाया गया। कुल 10 माइक्रोवस्कुलर अनास्टोमोसिस, की गई एवं मल्टीपल टेंडंस को जोड़कर हाथ को बचाया गया। यह ऑपरेशन लगभग 5 घंटे चला। ऑपरेशन के बाद हाथ बिल्कुल ठीक है और मरीज अपनी उंगलियां चला रहा है।
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