रांची। आर्थिक मामलों के जानकार सूर्यकांत शुक्ला ने कहा कि रोबस्ट टैक्स राजस्व के बावजूद फिजिकल डिफिसिट का 6. प्रतिशत से 6.9 प्रतिशत बढ़ना आश्चर्यजनक रहा है। हालांकि कंसोलिडेशन रोडमैप के तहत 0.5 प्रतिशत कम करके वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 6.4 प्रतिशत फिसकल डिफिसिट रखना एक सही संतुलन रहा।
चालू वित्त वर्ष में सांख्यिकी मंत्रालय के प्रथम अग्रिम अनुसार प्रतिव्यक्ति सालाना औसत वास्तविक इनकम में गिरावट के बावजूद सैलरी-गैर सैलरी वर्ग को अतिरिक्त आय का कोई उपाय बजट से नहीं आया।
कैपेक्स में रिवाइज्ड इस्टीमेट 6.3 लाख करोड़ रुपये में 19 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के सहारे बजट में 7.50 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
सरकार के खर्च की धीमी गति को देखते हुए यह कहना उचित होगा कि खर्च करने वाली मशीनरी को दुरूस्त करने की ज्यादा जरूरत है।
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