रांची। बसंत पंचमी आज राज्य भर में धार्मिक श्रद्धा, आस्था और पारम्परिक उल्लास से मनायी गयी। माघ शुक्ल पंचमी का यह दिन ज्ञान, विवेक, संपूर्ण कलाओं तथा काव्य और संगीत की देवी सरस्वती की उपासना का दिन है। इसे श्रीपंचमी भी कहते है। इस अवसर पर बच्चों का विद्यारंभ कराने की परंपरा है। झारखंड-बिहार और पश्चिम बंगाल में इस अवसर पर विशेष आयोजन होते हैं। श्रीपंचमी से ऋतुराज वसंत के आगमन की आहट मिलने लगती है और प्रकृति एक नया कलेवर धारण करती है।
बसंत पंचमी पर आज पूरे विधि विधान के साथ बाबा बैद्यनाथ का तिलक चढ़ाया जा रहा है। परंपरा के अनुसार मिथिलांचल क्षेत्र के आये भक्त बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग पर जलार्पण के बाद तिलक चढ़ा कर होली खेल रहे है। तिलकोत्सव को लेकर मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये है। जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक समेत अन्य वरीय पुलिस-प्रशासनिक सुबह से ही मंदिर परिसर में पहुंच कर तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे है।
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