विधि व्यवस्था को सुधारने की जगह जनविरोधी फैसले लेती है राज्य सरकार
रांची। झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने राज्य सरकार द्वारा चार जिलों में इंटरनेट सेवा ठप्प करने को अभिव्यक्ति की आजादी का हनन बतलाते हुए जोरदार हमला किया है।
श्री प्रकाश ने कहा कि कोडरमा, हजारीबाग, गिरिडीह और चतरा में इंटरनेट सेवाएं बाधित किया जाना सीधे तौर पर आम लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतंत्र पर हमला है। मां सरस्वती की मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान विधि व्यवस्था संभालने में असफल रही सरकार इंटरनेट सेवा पर पहरा लगाकर आम लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी छीनने का काम कर रही है। यही नहीं, सरकार के इस बेतुके फैसले से इन जिलों में लोगों की जिंदगी एक प्रकार से पूरी तरह थम गई है।
यह बतलाने की अब आवश्यकता नहीं कि इंटरनेट अब हवा और पानी की तरह हो चुका है। कई देशों में डिजिटल सेवा की स्वीकार्यता इस कदर बढ़ी है कि वे तो इंटरनेट सुविधा को बुनियादी मानवाधिकार घोषित करने की वकालत तक करने लगे हैं। इस पर थोड़े समय के लिए भी रोक लगाने से सारी गतिविधियां ही ठप्प पड़ जाती हैं। इससे आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।
श्री प्रकाश ने कहा कि सभी जगहों की तरह बड़े पैमाने पर इन जिलों में भी ऑनलाइन क्लासेस चल रहे हैं। वर्क फ्रॉम होम लोग काम कर रहे हैं, उनका नुकसान हो रहा है। इंटरनेट से जुड़ी ऑनलाइन मोटेशन, रजिस्ट्री, बैंकिंग, आधार कार्ड से जुड़े आदि सारी सरकारी और गैर सरकारी गतिविधियां ठप्प हो चुकी हैं। डिजिटल लेनदेन पूरी तरह ठप्प हो चुका है। राज्य सरकार अगर सजग होती, त्यौहारों के मौके पर कानून व्यवस्था दुरुस्त रख पाती तो इस प्रकार की घटना ही नहीं होती। राज्य सरकार पूरी तरह असफल हो चुकी है। राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त से ध्वस्ततम हो चुकी है। अपराधी, दंगाई बेलगाम हैं। मॉब लिंचिंग की घटनाओं को बेखौफ होकर अंजाम दिया जा रहा है। सरकार की नाकामी का खामियाजा आम लोगों को भुगतान करना पड़ रहा है। बेहतर होता राज्य सरकार क्षेत्र में कानून व्यवस्था बहाल करवाने में इंटरनेट को एक शक्ति के तौर पर इस्तेमाल करती।
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