आंदोलनकारियों का घेरा डालो- डेरा डालो आंदोलन का आठवां दिन बाबू बिनोद बिहारी महतो को समर्पित रहा
रांची। झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में घेरा डालो- डेरा डालो आंदोलन को बाबू बिनोद बिहारी महतो के नाम समर्पित करते हुए आठवां दिन भी जारी रहा. आज आठवीं दिन धनबाद एवं जामताड़ा के झारखंड आंदोलनकारी भाग लिये. मौके पर सभी झारखंड आंदोलनकारियों ने 25 फरवरी को मानव श्रृंखला कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संकल्प लिये.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संयोजक एवं झामुमो के सचेतक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि आज झारखंड को खुशहाल राज्य बनाने के लिए समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए विस्थापितों को न्याय दिलाने के लिए झारखंड के 1-1 नौजवानों को नियोजन देने के लिए आज अलग राज्य में बाबू बिनोद बिहारी महतो के सपनों को धरातल पर उतारा ना चाहिए. बिनोद बिहारी महतो ने हीं शोषण, दमन व अत्याचार के खिलाफ जबरदस्त संघर्ष किए उन्होंने मूल्य आधारित सामाजिक व्यवस्था राजनीतिक व्यवस्था बनाने के लिए लंबे समय तक संघर्ष किए आज राज्य में उन्हीं का प्रताप है कि हम लोग मंत्री – विधायक अलग राज्य में बने हैं. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि झारखंड अलग राज्य निर्माण करने वाले झारखंड आंदोलनकारियों को घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन करना पड़ रहा है सरकार सकारात्मक पहल करते हुए आंदोलनकारियों के व्यापक हितार्थ ठोस कदम उठाएं.
झारखंड आंदोलनकारी सूरज मंडल ने कहा कि मैं खुशनसीब हूं कि झारखंड अलग राज्य आंदोलन का एक आंदोलनकारी सेनानी हूं.झारखंड अलग राज्य के मूल्यों को आज स्थापित करने की जरूरत है. झारखंड अलग राज्य के संघर्ष के दौरान हमारे लोगों ने बड़ा से बड़ा त्याग किया है. आज झारखंड आंदोलनकारी अपमानित महसूस कर रहे हैं इसका प्रतिकार किया जाएगा.
सरकारी अध्यक्ष राजू महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों का चिंहितिकरण का काम जल्द से जल्द हो ना चाहिए. झारखंड आंदोलनकारियों का परिवार बिखरा हुआ है, उनकी सुध लेने वाला आज कोई नहीं दर-दर की ठोकरें रहे है, सरकार उन्हें समेटने का काम करें. आंदोलनकारियों के विकास एवं कल्याण करें और उन्हें मान-सम्मान पहचान देने की दिशा में ठोस पहल करे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए झारखंड आंदोलनकारी जगत महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के अस्तित्व को मिटने नहीं देंगे इसके लिए किसी भी हद तक जाकर आंदोलन करना पड़े हम संघर्ष के लिए ही नहीं शहादत के लिए भी तैयार हैं.हम लोगों ने बिनोद बिहारी महतो के साथ में संघर्ष किया जेल गए जेल की यातनाएं रहे हैं इसके त्याग बलिदान से आज झारखंड राज्य अलग हुआ है और इस राज्य में झारखंड आंदोलनकारी उपेक्षित हैं यह दुर्भाग्य की बात है.राज्य सरकार बजट सत्र के दौरान सर्वप्रथम झारखंड आंदोलनकारियों के संदर्भ में चर्चा कराएं और झारखंड आंदोलनकारियों को जेल जाने की बाध्यता को समाप्त करते हुए झारखंड अलग राज्य निर्माण की तिथि से सभी झारखंड आंदोलनकारियों को समान रूप से मान-सम्मान, पहचान, पेंशन व नियोजन देने का काम करें.
जामताड़ा जिला संयोजक एवं केंद्रीय सचिव सर्जन हर्षदा ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी अब जाग चुके हैं इसलिए आंदोलनकारियों के अधिकारों को दबाया नहीं जा सकता. प्रवक्ता पुष्कर महतो ने कहा कि संघर्ष के बल पर अलग राज्य लिया है अब मान सम्मान व पहचान के लिए शाहदत देना पड़े तो हम आंदोलकारी पीछे नहीं रहेंगे.
25 फरवरी को मानव श्रृंखला कार्यक्रम को सफल बनाने का आह्वान अश्विनी कुजुर, किशोर किस्कू, भुनेश्वर केवट, पुष्कर महतो,गोपाल रवानी,आजम अहमद, कुमोद कुमार वर्मा ,बलराम महतो,इतवारी बेसरा, नारायण महतो,सरयू महतो,विजय कुमार महतो,रविन्द्र प्रसाद,हरेश्वर उरांव, मौलाना इजरायल खालिद,वंशीधर महतो,हराधन महतो,दिवाकर साहू, शिव शंकर शर्मा,सुभाष चन्द्र महतो, सर्जन हांसदा,काशी प्रसाद महतो,रेंघु साव,सरोजनी कच्छप विनीता खलखो, एरेन कच्छप,मंगलेश्वर उरांव,रंजीत कुमार महतो, मूलचंद महतो,शिवलाल किस्कू,दुलाल चंद्र बाउरी,कंचन यादव , मोहम्मद सुलेमान अंसारी ने किए . क्रांतिकारी गीत लोक गायिका सीमा देवी एवं मनोज कुमार द्वारा प्रस्तुत किया गया. कार्यक्रम का सफल संचालन धनबाद जिला के संयोजक शिव शंकर शर्मा ने की.
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