रांची। पूर्व केंद्रीय मंत्री और हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने हेमंत सरकार पर केंद्र द्वारा झारखंड को दिये डीएमएफटी फंड के 7000 करोड़ रुपये दुरुपयोग का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि इस फंड को लेकर झारखंड सरकार की कोई पारदर्शिता नहीं है. जनवरी 2021 के आंकड़ों को देखे, तो ओडिशा के बाद झारखंड देश का दूसरा राज्य है, जिसे डीएमएफटी फंड के तहत केंद्र ने राशि 6533 करोड़ रुपये दिये हैं. इसके अलावा केंद्र राज्य को हर संभव आर्थिक मदद दे रही है। इसके बावजूद सरकार संसाधन की कमी का रोना रो रही है. ऐसे में कहा सकते हैं कि झारखंड की हेमंत सरकार के अपार संसाधन है पर यह अयोग्य सरकार है।
हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि अभी का समय बजट का समय होता है चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, सभी सरकारों को सदन में जनता के समक्ष आय व्यय का हिसाब देना होता है। इस वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार ने जो बजट पेश की है उसमें आत्मनिर्भर भारत की बात झलकती है। जबकि झारखंड सरकार के बजट मे कैपिटल एक्सपेंडिचर पर जोर न देकर फिजूलखर्ची बजट बनाया जा रहा है।
केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री जयंत सिन्हा ने पत्रकारों के समक्ष झारखंड सरकार को अपार साधन अयोग्य सरकार का दर्जा दिया। उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार का इस वित्तीय वर्ष का कुल बजट 91,277 करोड़ का है जिसमें चालीस हजार करोड़ केंद्र सरकार का अंश है ,जो पिछले वित्तीय वर्ष से 20ः अधिक है। इसलिए राज्य सरकार का यह कहना कि केंद्र सरकार झारखंड को फंड नहीं देती है यह बिल्कुल गलत बात है। उन्होंने खनिज संबंधित डीएमएफटी फंड में झारखंड को दूसरा सबसे अधिक राशि प्राप्त करने वाला राज्य बताया।
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