राष्ट्रभाषा और मां भारती के साथ समझौता नहीं , दे सकता हूं इस्तीफा
गिरिडीह। गिरिडीह के मधुवन में प्रदेश कांग्रेस की ओर से आयोजित तीन दिवसीय चिंतन शिविर में सरकार में पार्टी कोटे से शामिल स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के बगावती तेवर देखने को मिला।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने चिंतन शिविर के तीसरे दिन अपने संबोधन में एक फिल्मी गाने का जिक्र करते हुए कहा- जब मांझी ही नाव डुबोये, तो उसे कौन बचाये। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर सीधा कटाक्ष करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन ही यह चाहते है कि झारखंड से कांग्रेस पार्टी समाप्त हो जाए और कांग्रेस कार्यकर्त्ता तथा पार्टी समर्थक मतदाता उनकी ओर शिफ्ट हो जाए। फिर ऐसी सरकार का कोई औचित्य नहीं हैं, क्योंकि पहले पार्टी बचेगी, तभी हम बचेंगे। उन्होंने कहा कि सभी को अच्छा लगता है कि मंत्री बने, वे भी मंत्री बन कर घूम रहे है, लेकिन मंत्री कैसे बने, एक-एक वोट कैसे मिला, कैसे जमशेदपुर जैसे शहर में एक लाख वोट लेकर आ रहे है, इसलिए हमको यह जरूर तय करना होगा कि हमारी विचाराधारा और हमारा सिद्धांत कभी कमजोर ना हो और राष्ट्रभाषा के साथ कभी समझौता नहीं किया जा सकता, जिस दिन राष्ट्रभाषा और मां भारती के साथ समझौता करना पड़ेगा, तो मेरे जैसा लोग अंदर से बहुत क्रांतिकारी विचारधारा का हूं, तो मैं उसी दिन इस्तीफा देने पर विश्वास करूंगा। उन्होंने कहा कि समन्वय समिति जरूर बने, समन्वय समिति से ही हम उन्हें घेर सकते हैं।
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