रांची। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन सदन की कार्यवाही शुरू नहीं होने पर पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने अधिकारी दीर्घा में मुख्य सचिव और विभागीय सचिव तथा पुलिस महानिदेशक समेत अन्य वरीय अधिकारियों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जतायी।
भाजपा के विरंची नारायण ने सदन में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 को लेकर सदन में चर्चा होनी है, लेकिन मुख्य सचिव, डीजीपी कोई भी अधिकारी दीर्घा उपस्थित नहीं हैं।
अधिकारी दीर्घा में मुख्य सचिव और डीजीपी की अनुपस्थिति पर भाजपा विधायकों द्वारा उठाये गये मुद्दे को सत्तारूढ़ दलों का भी समर्थन मिला। कांग्रेस विधायक दल के उप नेता प्रदीप यादव और भाजपा विधायक सीपी सिंह ने अधिकारियों के रवैये पर नाराजगी जतायी। भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि आसन इतना कमजोर क्यों हैं, स्पीकर कहते हैं कि अधिकारी आ रहे हैं, तो क्या अब जनप्रतिनिधियों को अधिकारियों का इंतजार करना होगा, जब इंतजार करना ही है, तो सदन की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित कर दें। प्रदीप यादव ने कहा कि अधिकारी सदन को हल्के में ले रहे हैं। इरफान अंसारी ने कहा कि अगर अधिकारी अपने दीर्घा में उपस्थित नहीं करेंगे, तो उनकी बातों को गंभीरता से कैसे लिया जाएगा।
पक्ष-विपक्ष के सदस्यों द्वारा उठाये गये सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने संसदीय कार्यमंत्री कसे निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि अधिकारी सदन में बजट चर्चा में उपस्थित रहें।
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