रांची। ग्रामीण क्षेत्रों का समेकित विकास राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इसी के क्रम में राज्य सरकार द्वारा विगत 22 सितंबर से 15 दिसंबर तक एक वृहत अभियान “ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास” अभियान चलाया गया।
100 दिनों का रोजगार अभियान के दौरान कुल छत्तीस हजार से अधिक परिवारों को 100 दिनों का रोजगार प्राप्त हुआ। इस अभियान के दौरान कुल डेढ़ लाख नयी योजनाओं को पूर्ण किया गया। इसके साथ ही पूर्व से चली आ रही तैतालीस हजार से अधिक योजनाओं को भीपूर्ण किया गया। अभियान के दौरान 3 करोड़ 24 लाख मानवदिवस का सृजन किया गया । इस अभियान में महिलाओं की अच्छी भागीदारी रही।
पंचायतों में जीआईएस आधारित योजना तैयार
अभियान के दौरान जीआईएस बेस्ड प्लानिंग के तहत कुल 3031 ग्राम पंचायतों की योजना तैयार की गई है, जिसके विरुद्ध 2900 ग्राम पंचायतों के प्लान को जिलों के द्वारा अनुमोदन किया जा चुका है। वनाधिकार पट्टा के कुल 22309 परिवारों को जॉबकार्ड उपलब्ध कराते हुए 5432 परिवारों को मनरेगा से लाभान्वित करने हेतु व्यक्तिगत लाभ की योजना स्वीकृत कर कार्य प्रारम्भ किया गया।
अनुसूचित जनजाति कोटि के श्रमिकों की भागीदारी में 0.56 प्रतिशत की वृद्धि
अभियान के तहत अनुसूचित जनजाति कोटि के श्रमिकों द्वारा कुल 78.83 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया, जो कुल सृजित मानव दिवस का 24.35ः है तथा इनकी भागीदारी में 0.41ः की वृद्धि हुई। अनुसूचित जाति कोटि के श्रमिकों द्वारा कुल 31.78 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया, जो कुल सृजित मानव दिवस का 9.82ः है तथा इनकी भागीदारी के प्रतिशत में 0.56ः की वृद्धि हुई है।
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