January 8, 2025

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केंद्र से अमृत 2.0 में झारखंड सरकार की सभी योजनाओं को मिली स्वीकृति

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राज्य के 16 नगर निकायों की जलापूर्ति योजनाओं को मिलेगी

16 में से 10 नगर निकाय में अबतक नही है कोई भी जलापूर्ति योजना
रांची। देश के 500 शहरों में जलापूर्ति और अन्य शहरी संसाधनों को मजबूती प्रदान करनें के लिए हाल हीं में लॉंच अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन( अमृत ) 2.0 के लिए झारखंड सरकार की शत प्रतिशत योजनाओं को केन्द्र सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। पहले चरण में कुल छः राज्यों नें प्रस्ताव भेजा था जिसमें झरखंड पहला राज्य है जिसकी सभी योजनाओं को सबसे पहले स्वीकृति मिली है। इन योजनाओं की स्वीकृति से प्रदेश के 16 नगर निकायों की जलापूर्ति व्यवस्था दुरुस्त होगी । इसके साथ् हीं सात अमृत सिटी में अपशिष्ट जल प्रबंधन के क्षेत्र में भी कार्य तेज हो सकेगा।
अमृत 2.0 के लिए राज्य सरकार की ओर से भेजी जानेवाली योजनाओं के चयन के लिए य मुख्यमंत्री झारखंड हेमंत सोरेन के मार्गदर्शन में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय उच्च शक्ति प्राप्त संचालन समिति का गठन किया गया है। इसी समिति नें योजनाओं को ग्रिन सिग्नल दिया था जिसके बाद केन्द्र के पास भेजा गया था। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शहरी क्षेत्र के हर घर तक टैप वाटर से पेयजलापूर्ति को लेकर बेहद संवेदनशील हैं और यही वजह है कि हर घर मे लगलेवाले मीटर कनेक्शन को पहले हीं निःशुल्क कर दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से नियंत्रित मात्रा में जल उपयोग करनेवाले परिवार को निः शुल्क जलापूर्ति की घोषणा पहले हीं की जा चुकी है,चाहे वो वाटर कनेक्शन किसी भी योजना के तहत मिला हो।

झारखंड में अमृत 2.0 के तहत निर्धारित लक्ष्य़

शहरी क्षेत्र के हर घर को निःशुल्क पीने का पानी पहुंचाना, झारखंड के 7 प्रमुख शहरों में अपशिष्ट जल प्रबंधन करना,सभी निकायों में जल स्रोत का जिर्णाेद्धार और 2025-26 तक हरियाली विकसित करना।

कैसे मिली सफलता

अमृत 2.0 मिशन के तहत मिले दिशा निर्देश के तहत सितंबर 2021 में एक त्रिपक्षीय समझौता किया गया जो कि राज्य सरकार,केन्द्र सरकार और नगर निकायों के बीच हुआ।
राज्य के 50 नगर निकायों और रामगढ़ छावनी परिषद के द्वारा सिटी वाटर बैलेंस प्लान को को तैयार कर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जनवरी 2022 तक भारत सरकार को भेजा गया।
राज्य के 16 नगर निकायों द्वारा सिटी वाटर ऐक्शन प्लान तैयार किया गया जहां के नागरिक पेयजलापूर्ति से वंचित थे। इस ऐक्शन प्लान को सार्वजनिक करते हुए स्टेट वाटर ऐक्शन प्लान भी तैयार किया गया जिसकी स्वीकृति राज्यस्तरीय उच्च शक्ति प्राप्त संचालन समिति द्वारा दिया गया। प्रथम चरण में जिन योजनाओं के लिए स्वीकृति मिली है उनमें कुल 1122 करोड़ रुपया का लागत आएगा जिसमें केन्द्र के साथ साथ राज्य सरकार का अंशदान भी है।
योजनाओं की स्वीकृति से लेकर प्रगति तक की मॉनिटरिंग राज्य के नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे खुद कर रहे हैं। उन्होंने राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक अमित कुमार को इससे संबंधित आवश्यक निर्देश और मार्गदर्शन दिया है।
अमृत 2.0 के तहत लाभान्वित होनेवाले नगर निकाय हैं रामगढ़,सिमडेगा,लोहरदगा ,गुमला, जामताड़ा, बरहरवा, बड़कीसरइया ,बचरा,छत्तरपुर ,हरिहरगंज ,वंशीधर, धनवार,महगामा, डोमचांच,कपाली,विश्रामपुर।

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