रांची। विधानसभा में वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि राज्य में अभी राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू है। एक जनवरी 2004 के प्रभाव से केंद्र सरकार की सेवा में आने वाले सभी नए कर्मियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू की गयी। इसी के आलोक में 11 महीने बाद 1 दिसंबर 2004 को या उसके पश्चिम नियुक्त झारखंड सरकारी सेवकों के लिए भी नयी अंशदायी पेंशन योजना अनिवार्य रूप से लागू किया गया। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना पर सभी पहलुओं पर विचार कर सरकार सम्यक निर्णय लेगी।
आजसू पार्टी के लंबोदर महतो और विधायक विनोद कुमार सिंह द्वारा इस संबंध उठाये गये प्रश्न के उत्तर में डॉ0 रामेश्वर उरांव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी इस संबंध में अपना विचार सदन के समक्ष रखा हैं। उन्होंने कहा कि संभवतः पश्चिम बंगाल छोड़ कर सभी राज्यों ने भाजपा नेतृत्व वाली तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2003 में बनाये गये इस प्रावधान को लागू करने का काम किया। अब नये परिप्रेक्ष्य में राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन स्कीम योजना लागू करने की बात कही गयी हैं, राज्य सरकार भी इस मसले पर सम्यक फैसला लेगी।
वित्तमंत्री की ओर से लिखित उत्तर में यह भी जानकारी दी गयी कि केंद्र और राज्य सरकार की पेंशन देयता बढ़ रही है और राजस्व का बहुत बड़ा वंश पेंशन भुगतान में ही चला जाता हैं। उन्हांेने कहा कि वित्तीय प्रबंधन के लिए यह यही नहीं हैं। इस कारण भारत सरकार द्वारा वर्ष 2004 में अंशदायी पेंशन का विकास किया गया, जिसे लगभग सभी राज्यों ने लागू किया हैं।
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