November 22, 2024

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देश अनियंत्रित महंगाई आर्थिक कुप्रबंधन के दौर से गुजर रही-मोहन प्रकाश

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रांची। अखिल भारतीय कांग्रेस के प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने आज रांची में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश अनियंत्रित महंगाई और आर्थिक कुप्रबंधन के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को यह बताना चाहिए कि आखिर महंगाई इतनी क्यों बढ़ रही हैं।
मोहन प्रकाश ने कहा कि देश में अब महंगाई ही ‘इवेंट’ है। देश महंगे मोदी-वाद से पस्त और त्रस्त है, वहीं भाजपा की चुनावी जीत बनी लूट का लाइसेंस बन गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का नए साल का उपहार है, जिसमें देश पर लादा 1,25,407.20 करोड़ का बोझ लादा गया है, अब अब मोदी सरकार का मंत्र है, ‘‘चुनावों में जीत है लूटने का लाईसेंस। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा 1 अप्रैल से भारत की जनता पर लादी गई क्रूर, भारी और कमरतोड़ ‘मूल्य वृद्धि’ ने देश के हर परिवार का बजट बिगाड़ दिया है। ‘महंगाई’’ हर व्यक्ति की रोजी-रोटी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। ‘‘महंगाई’’ हर परिवार के जीवन व आजीविका पर हमला बोल रही है। ‘‘महंगाई’’ हर नागरिक के जीवन का अभिशाप बन गई है। लेकिन… ‘‘महंगाई’’ एक ‘‘दैनिक कार्यक्रम’’ बन गई है, जिसका जश्न भाजपा और मोदी सरकार द्वारा देश के नागरिकों का उपहास करने के लिए मनाया जा रहा है। क्योंकि… ‘‘मोदी है तो यही मुमकिन है’।
मोहन प्रकाश ने कहा कि पेट्रोल-डीज़ल के मूल्य में रोज वृद्धि का ‘‘दैनिक गुड मॉर्निंग गिफ्ट’’ बन गया है, आज पिछले 15 दिनों में तेरहवीं बार पेट्रोल और डीज़ल के मूल्य बढ़ाए गए। पेट्रोल और डीज़ल का मूल्य भारत में पिछले 15 दिनों में 9.20 रु. प्रति लीटर बढ़ गया है।
भारत सरकार के ‘पेट्रोलियम प्लानिंग एवं एनालिसिस सेल’ के मुताबिक, साल 2020-21 में 27,969 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल का उपभोग हुआ था। पेट्रोल के मूल्य में 9.20 रु. प्रति लीटर की वृद्धि सेदेश के नागरिकों पर 25,732 करोड़ रु. का अतिरिक्त सालाना बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के ‘पेट्रोलियम प्लानिंग एवं एनालिसिस सेल’ के मुताबिक, साल 2020-21 में 72,713हजार मीट्रिक टन डीज़ल का उपभोग हुआ था। डीज़ल के मूल्य में 9.20 रु. प्रति लीटर की वृद्धि सेदेश के नागरिकों पर 66,896 करोड़ रु. का अतिरिक्त सालाना बोझ पड़ेगा।
मोहन प्रकाश ने कहा कि जब कांग्रेस-यूपीए की सरकार केंद्र में थी, उस समय पेट्रोल 71.41 रु. और डीज़ल 55.49 रु. प्रति लीटर हुआ करता था, जो आज दिल्ली में बढ़ाकर क्रमशः 104.6 रु. प्रति लीटर और 95.87 रु. प्रति लीटर और आपके शहर रांची में आज पेट्रोल की कीमत 108.71 और डीजल 102.02 रूपेया है।
मई, 2014 में (जब भाजपा ने सत्ता संभाली) पेट्रोल पर एक्साईज़ ड्यूटी 9.20 रु. प्रति लीटर और डीज़ल पर एक्साईज़ ड्यूटी 3.46 रु. प्रति लीटर थी। पिछले आठ सालों में भाजपा सरकार ने पेट्रोल पर एक्साईज़ ड्यूटी में 18.70 रु. प्रति लीटर और डीज़ल पर एक्साईज़ ड्यूटी में 18.34 रु. प्रति लीटर की अतिरिक्त वृद्धि कर दी। यह डीज़ल और पेट्रोल पर एक्साईज़ ड्यूटी में क्रमशः 531 प्रतिशत और203 प्रतिशत की चौंकानेवाली वृद्धि है।मोदी सरकार ने अकेले पेट्रोल और डीज़ल पर एक्साईज़ ड्यूटी बढ़ाकर आठ सालों में 26,00,000 करोड़ रु. (26 लाख करोड़ रु.) का मुनाफा कमा लिया।
उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल को कमर्शियल गैस सिलेंडर के मूल्य में 250 रु. प्रति सिलेंडर की बढ़ोत्तरी कर दी गई। पिछले 2 महीनों में कमर्शियल गैस सिलेंडर का मूल्य 346 रु. बढ़ाया गया। भाजपा के पिछले 8 सालों में, कमर्शिल एलपीजी सिलेंडर के मूल्य में 845 रु. की बढ़ोत्तरी हुई है। घरेलू गैस सिलेंडर का मूल्य 22 मार्च को 50 रु. बढ़ाया गया। मार्च, 2021 से घरेलू गैस सिलेंडर के मूल्य में 140.50 रु. की बढ़ोत्तरी कर दी गई है। भारत सरकार के ‘पेट्रोलियम प्लानिंग एवं एनालिसिस सेल’ के मुताबिक, साल 2020-21 में 27,384 हजार मीट्रिक टन एलपीजी का उपयोग किया गया। प्रति सिलेंडर 140.50 रु. की मूल्यवृद्धि से देश के नागरिकों पर 27,095 करोड़ रु. का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि ऑटो, टैक्सी, बस, ट्रक वालों और उन कार मालिकों का ईंधन है, जो महंगे पेट्रोल और डीज़ल का खर्च नहीं उठा सकते। 1 अप्रैल को एक महीने में छठवीं बार सीएनजी के दाम बढ़ा दिए गए। 80 पैसे प्रति किलोग्राम की बढ़ोत्तरी के बाद पिछले एक महीने में सीएनजी 4 रु. प्रति किलो ज्यादा महंगी हो गई है। आज दिल्ली में सीएनजी 60.81 रु. प्रति किलोग्राम मिल रही है, जो अन्य शहरों में 79.49 रु. प्रति किलोग्राम तक महंगी है। भारत सरकार के 2019-20 के सीएनजी उपयोग के आँकड़ों के अनुसार, भारत में 3,247 हजार मीट्रिक टन सीएनजी का उपयोग हुआ। इसके आधार पर, साल 2021-22 में 3,500 हजार मीट्रिक टन सीएनजी का उपयोग होने का अनुमान है। इस माह 4 रु. प्रति किलोग्राम की बढ़ोत्तरी के साथ देश के नागरिकों पर 1,400 करोड़ रु. का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
1 अप्रैल को पीएनजी के मूल्य में दिल्ली में 5 रु. प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर और नोएडा में 5.85 रु. प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर की वृद्धि कर दी गई। इससे पहले 24 मार्च को पीएनजी में दिल्ली में 1 रु. प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर की बढ़ोत्तरी की गई थी। पिछले एक माह में दिल्ली में पीएनजी का मूल्य 6 रु. प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर बढ़ाया गया। सरकार-पीएनजी कंपनियों के आँकड़ों के मुताबिक, एक औसत घर में 15 स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर पीएनजी हर माह इस्तेमाल होती है। भारत में पीएनजी के 89 लाख कनेक्शन हैं। इसके आधार पर प्रतिमाह 6 रु. प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर की वृद्धि से देश के लोगों पर 961.20 करोड़ रु. का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, राकेश सिन्हा, सतीश पॉल मुंजनी, डॉ एम तौसीफ, ईश्वर आनंद एवं अग्रणी संगठन प्रभारी रवीन्द्र सिंह मौजूद थे।

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