रांची। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड के देवघर के रोप-वे हादसे के बचाव अभियान में शामिल सभी बहादुर कर्मियों से संवाद किया । प्रधानमंत्री ने रोपवे दुर्घटना में यात्रियों के बचाव अभियान में शामिल भारतीय वायु सेना, सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, देवघर जिले के शीर्ष पुलिस अधिकारियों, स्थानीय प्रशासन और नागरिकों से वर्चुअल माध्यम से बातचीत की।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बचाव दल में शामिल सभी सदस्यों और नागरिकों की सराहना की तथा ट्रॉली में फंसे 48 लोगों को बचाने में संयुक्त टीम के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि टीम ने तीन दिनों तक 24 घंटे काम किया और कई नागरिकों की जान बचाते हुए एक कठिन ऑपरेशन को अंजाम दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस आपदा ने एक बार यह स्पष्ट कर दिया है कि जब भी देश में कोई संकट होता, तो हम सब मिलकर एक साथ उस संकट से मोर्चा लेते हैं और उस संकट से निकलकर दिखाते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्दी पर लोगों की बहुत आस्था होती है। संकट में फंसे लोग जब भी वर्दीधारी को देखते हैं, तो उनको विश्वास हो जाता है कि उनकी जान अब सुरक्षित है। उनमें नई उम्मीद जाग जाती है। उन्होंने कहा कि मुश्किल से मुश्किल चुनौती के सामने अगर सभी धैर्य के साथ काम करते हैं, तो सफलता मिलती ही है। सभी ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जिस धैयै का परिचय दिया है, वह अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि तीन दिनों तक 24 घंटे लगाकर एक मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा किया और अनेक देशवासियों की जान बचायी है, इसे वह बाबा बैद्यनाथ की भी कृपा मानते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बात का दुःख है कि कुछ साथियों के जीवन को नहीं बचाया जा सका, अनेक साथी घायल भी हुए हैं, पीड़ित परिवारों के साथ सभी की पूरी संवेदना है। उन्होंने सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की।
इस संवाद कार्यक्रम में उपस्थित केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी एनडीआरएफ, वायु सेना, आईटीबीपी, सेना, जिला प्रशासन के सभी प्रतिनिधियों को बधाई देते हुए कहा कि यक एक बहुत ही कठिन ऑपरेशन था जिसे उन्होंने धैर्यपूर्वक अंजाम दिया। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि इतने कम समय में इतनी सारी एजेंसियों ने एक साथ इतने अच्छे तालमेल के साथ कम से कम नुकसान के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस दुःखद हादसे में जिन लोगों ने अपनों को खोया है उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना है, ईश्वर उन्हें यह दुःख सहने की शक्ति दे।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद इस देश मे आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण के अंदर बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। 2014 से पहले सिर्फ रिलीफ आधारित दृष्टिकोण था लेकिन नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आपदा प्रबंधन में मानव जीवन को बचाने का दृष्टिकोण आया।’
’बहुत बड़े अभ्यास के बाद आज एनडीआरएफ-एसडीआरएफ, डिस्ट्रिक्ट केलक्टर और नीचे गांव तक एक हेरारकी का निर्माण हुआ है जो अपने अभ्यास के आधार पर आपसी समन्वय से कठिन से कठिन आपदा में अच्छा काम करते हैं। और हर समय लोगों को बचाने के लिए अहर्निश तैयार रहते हैं।देवघर हादसा इसका जीवंत उदाहरण है।
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