रांची। बिहार के चंपारण के शिक्षक डॉ रामधारी प्रसाद यादव की पुस्तक राष्ट्रीयता का काव्य का आज यहां रांची प्रेस क्लब में लोकार्पण हुआ।
राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, लेखक डॉ रामधारी प्रसाद यादव, प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्र, आईएएस अधिकारीअजय नाथ झा, प्रलेक प्रकाशन के एमडी जीतेंद्र पात्रो ने संयुक्त रुप से इस पुस्तक का लोकार्पण किया।
इस मौके पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने मुख्य इस पुस्तक की चर्चा करते हुए कविता के महत्व और ताकत को रेखांकित किया।उन्होंने कहा कि कविता का राष्ट्रीयता से गहरा संबंध होता है। कविता के दम पर क्रांति लाई जा सकती है। पूर्व में भारत के अलावा रूस, चीन, फ्रांस आदि देशों में हुई क्रांति में कविताओं का काफी महत्व रहा है। कविताओं ने लोगों को एकजुट करने का काम किया है। कविता इंसान के मन को भी बदलने का सबसे सश्कत माध्यम है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयता का काव्य पुस्तक का लोकापर्ण आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष में हो रहा है, जो काफी सुखद है। उन्होंने भोजपुरी भाषा के महत्व पर आधारित कविताओं और इसके इतिहास पर आधारित इस पुस्तक के लिए रचनाकार की तारीफ की। कहा कि अपनी भाषा में व्यक्ति जो भाव व्यक्त कर सकता है, वह किसी और माध्यम में नहीं हो सकता है। यही इस पुस्तक की विशेषता है। पुस्तक में साहित्य, इतिहास और मातृभाषा का संगम है।
इससे पहले लोकार्पण समारोह में प्रसिद्ध लोक गायिका चंदन तिवारी का वीडियो संदेश भी दिखाया गया, जिसमें उन्होंने पुस्तक की सफलता के लिए शुभकामनों दी। इस अवसर पर उनके द्वारा बटोहिया गीत की प्रस्तुति का वीडियो भी दिखाया गया। इस अवसर पर लेखक डॉ रामधारी प्रसाद यादव ने बताया कि उन्होंने 1994 में राष्ट्रीयता के काव्य विषय पर शोध किया था। यह पुस्तक इसी का संक्षिप्त रूप है। उन्होंने बताया कि उनके पुत्र और वरिष्ठ पत्रकार रवि प्रकाश ने इस शोध को पुस्तक का रूप देने में अहम रोल निभाया है। उन्होंने इस पुस्तक की प्रस्तावना लिखने के लिए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के जन संचार विभाग के अध्यक्ष प्रो कृपा शंकर चौबे को धन्यवाद दिया।
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