September 8, 2024

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ईडी छापेमारी में प्रेम प्रकाश के ठिकाने से दो एके-47 बरामद, पहली बार मिला था विदेशी कछुआ

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रांची।झारखंड की सत्ता में अपना प्रभाव और हनक रखने वाले प्रेम प्रकाश के रांची स्थित कई ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की। इस छापेमारी में हरमू स्थित एक मकान से ईडी की टीम ने अलमीरा से दो एके-47 भी बरामद किया है। ईडी की टीम ने प्रेम प्रकाश के विभिन्न ठिकानों पर जून महीने में भी छापेमारी की थी, जिसमें उनके एक ठिकाने से विदेशी कछुआ बरामद किया गया है।

एके 47 मिलने के मामले में दो जवान निलंबित

रांची पुलिस की ओर से देर शाम आधिकारिक तौर पर यह जानकारी दी गयी कि रांची पुलिस केंद्र के परिचारी प्रवर-प्रथम को जिला बल के दो जवानांे द्वारा बुधवार 24 अगस्त को यह लिखित सूचना दी गयी कि वे दोनों 23 अगस्त को ड्यूटी के बाद वापस लौट रहे थे, इसी क्रम में बारिश होने के कारण अपने पूर्व परिचित (प्रेम प्रकाश के स्टाफ) के पास अपना-अपना ए.के. 47 और उसके साथ निर्गत गोलियां आलमीरा में रखकर चाभी लेकर अपने-अपने घर चले गये। आज सुबह दोनों हथियार लेने   वापस आये तो पाया कि आवास में छापामारी की जा रही है जिसके कारण ये हथियार नहीं ले पाये ।
अरगोड़ा के थाना प्रभारी द्वारा जांच में पाया गया कि    प्रेम प्रकाश के आवास पर ईडी टीम के द्वारा छापामारी के क्रम में उपरोक्त दोनों आरक्षियों के दोनो ए0के0-47 एवं उसके साथ निर्गत गोलियां बरामद की गयी है। दोनों ए0के0 47 एवं उसके साथ निर्गत गोलियों को प्राप्त करने के लिए ईडी से पत्राचार किया गया है।
रांची पुलिस की ओर से इस मामले को घोर लापरवाही मानते हुए ोनों आरक्षियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है और आगे की कार्यवाही की जा रही है।


अमेरिकी प्रजाति का कछुआ हुआ था बरामद
ईडी ने पिछले दिनों छापेमारी के दौरान विदेशी कछुआ बरामद किया था, जिसके बाद उसे वन विभाग को सौंप दिया गया। वन विभाग ने इसे रांची के ओरमांझी स्थित बिरसा जैविक उद्यान में रखा है। यह विदेशी कछुआ कंबोडियाई प्रजाति का है और तस्करी कर इसे झारखंड लाये जाने की बात सामने आयी है।

बड़े नेता से विवाद होने पर बिहार से ठिकाना बदल रांची आया
प्रेम प्रकाश मूल रूप से बिहार के सासाराम का रहने वाला है और उसके पिता प्रमोद कुमार सिन्हा के निधन के बाद उसकी बैंक में अनुकंपा के आधार पर नौकरी लग गयी, इस दौरान उस पर राशि गबन का आरोप लगा। यह भी चर्चा होती है कि पैसे को लेकर ही बिहार के एक बड़े नेता से उसका विवाद हो गया, उसके बाद वह झारखंड आ गया। झारखंड आने के बाद उसने अंडे की आपूर्ति का काम शुरू किया। इसी दौरान वह कई बड़े अधिकारियों के संपर्क में आया और धीरे-धीरे सत्ताशीर्ष में बैठे लोगों में उसकी पैठ बनती गयी।

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