November 22, 2024

view point Jharkhand

View Point Jharkhand

9 वर्षीय रिधान गुरुंग जानते हैं अंग्रेजी के कई accents

Featured Video Play Icon
Spread the love

बिना कोचिंग सीख ली अमेरिकन, ब्रिटिश आस्ट्रेलियन और कनाडियन लहजा, चार भाषाओं का भी हैं ज्ञान
रांची। उच्च शिक्षा ग्रहण करने, विदेश में पढ़ाई या नौकरी करने के पहले युवा अंग्रेजी भाषा के कई लहजा (accents) को सीखने के लिए महीनों और वर्षां तक कोचिंग लेते है, शिक्षकों से ज्ञान हासिल करने या अन्य प्रशिक्षण और पर्सनाल्टी डेवलपमेंट का कोर्स करने में जुटे रहते हैं। परंतु रांची (Ranchi)के डोरंडा में रहने वाले रिधान गुरुंग (Ridhan Gurung) ने तीन वर्ष की छोटी उम्र से ही अंग्रेजी भाषा के अलग-अलग एसेंट (accents)को सीखना शुरू कर दिया था और अब करीब 9 वर्ष पूरे हो जाने पर वे अमेरिकन, ब्रिटिश, आस्ट्रेलियन और कनाडियन समेत पांच एसेंट को अच्छी तरह से ना सिर्फ बोल लेते है, बल्कि इन एसेंट की अलग-अलग विशेषता और भिन्नता तथा उनके बोलने के लहजे के बारे में भी विस्तार से बताते हैं।
रांची के एक स्कूल में कक्षा तीन में पढ़ने वाले रिधान गुरुंग का कहना है कि तीन वर्ष की उम्र में ही प्रारंभ में टीवी में अंग्रेजी के कार्टून देखकर इस ओर उनकी उत्सुकता बढ़ी और अलग-अलग चैनल देखकर इसे समझने की कोशिश की। बाद में जब मां का मोबाइल उसके हाथों में आया, तो उसने इंटरनेट के माध्यम से अलग-अलग तरीके से बोली जाने वाली अंग्रेजी के बारे में गहन अध्ययन की शुरुआत की। अभी वे अंग्रेजी के पांच एसेंट बोल लेते है और उन्हें अच्छी तरह से समझ लेते हैं। जबकि चार अन्य एसेंट और कुछ अन्य भाषाओं के अध्ययन में भी जुटे हैं। रिधान गुरुंग का अभी हिन्दी और अंग्रेजी पर कमांड है, वहीं अपनी मां और नानी के साथ रहकर नेपाली भाषा में भी उसने महारत हासिल कर ली है। इसके अलावा अभी वह फ्रेंच भाषा का अध्ययन कर रहा है, साथ ही भविष्य में रसियन, पुतर्गाली, चाइनीज और अन्य विदेशी भाषाओं का अध्ययन करने की सोच बनायी हैं।
रिधान गुरुंग बड़ा होकर एक शिक्षक बनना चाहता है और यूट्यूब के माध्यम से भी लोगों के साथ ज्ञान को साझा करना चाहता है। इसके अलावा मीडिया के क्षेत्र में भी उसकी विशेष दिलचस्पी हैं।
रिधान की नानी माया देवी बताती है कि उसे बचपन से ही पढ़ाई में काफी रूचि रही है, उसने खुद से ही अंग्रेजी भाषा के कई एसेंट को समझने और सीखने की कोशिश की और बिना किसी सहायता लिये लगातार सीखता गया। सीखने के बाद वह कई बार परिवार के सदस्यों को समझाने की कोशिश करता था, प्रारंभ में उसकी बात समझ में नहीं आती थी, लेकिन जब से स्कूल की शिक्षिका ने उसकी बात को समझा और बताया कि वह अंग्रेजी के अलग-अलग एसेंट को बोल रहा है, तब से उसका उत्साह और बढ़ता गया। इसके अलावा वह स्कूल में अपनी पढ़ाई में भी काफी अच्छा है और कई पुरस्कार हासिल कर चुका हैं।

About Post Author