रांची। झारखंड उच्च न्यायालय (Jharkhand High Court) ने एक अवमानना मामले की सुनवाई करते हुए रांची के कांके अंचलाधिकारी को काम के लिए अनफिट बताते हुए तबादले का आदेश दिया।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता जितेंद्र कुमार प्रसारी ने बताया कि हाईकोर्ट ने अवहेलना के इस मामले को काफी गंभीरता से लिया। सुनवाई के दौरान अदालत ने तल्ख टिप्पणी की और कहा कि अधिकारी अक्षम है,ऐसे अधिकारी सही काम नहीं कर सकते है। उन्होंने झारखंड सरकार के राजस्व सचिव को निर्देश दिया कि कांके के राजस्व पदाधिकारी (अंचल अधिकारी) का स्थानांतरण करें। इससे अदालत को अवगत कराने को भी कहा गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी।
यह मामला काके प्रखंड के सुगनू मौजा से जुड़ा है। 12 एकड़ जमीन की बंद म्यूटेशन रेंट रसीद की जांच कर उस पर रिप्रेजेंटेशन कर आर्डर पास करना था, लेकिन कांके अंचलाधिकारी ने बिना सुनवाई के ही 6 हफ्ते के भीतर याचिकाकर्ता के रिप्रेजेंटेशन को रिजेक्ट कर दिया। जिसके बाद प्रार्थी श्रेय कुमार की याचिका पर शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट ने इस कंटेंप्ट मामले की सुनवाई की।
बताया गया है कि कांके प्रखंड के सुगनू मौजा में 12 एकड़ की जमीन की म्यूटेशन रेंट रसीद 1996 तक श्रेय कुमार के पिता के नाम से कट रही थी लेकिन 1996 में पिता की मृत्यु के बाद 1997 से रसीद कटनी बंद हो गई। उस समय श्रेय कुमार नाबालिग थे बाद में 2 जुलाई 2020 को प्रार्थी श्रेय कुमार ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर म्यूटेशन रेंट रसीद बहाल करने की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने एक अक्टूबर 2020 को याचिकाकर्ता को कांके सीओ के सामने रिप्रेजेंटेशन देने को कहा साथ ही कांके सीओ को इस मामले में सुनवाई कर ऑर्डर पास करने का निर्देश दिया।
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