January 4, 2025

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कॉपरेटिव खेती की जगह कॉरपोरेट खेती को बढ़ावा देने में लगी है मोदी सरकार-रामेश्वर उरांव

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किसान दिवस पर टेंडर हार्ट स्कूल में टेक्नो खेती को लेकर कार्यशाला
रांची। राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ0 रामेश्वर उरांव 23दिसंबर किसान दिवस पर आज रांची टेंडर हार्ट स्कूल में अन्न एवं अन्नदाता की उपयोगिता एवं सम्मान में टेक्नो खेती पर आयोजित एक कार्यशाला का उदघाटन किया। इस मौके पर स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से खेत की जुताई, धान-रोपनी और धान कटाई समेत फसल उपजाने को लेकर कई आकर्षक रंगारंग कार्यक्रम पेश किये गये।
डॉ0 रामेश्वर उरांव ने कहा कि बचपन में जब वे पढ़ते थे, तो बेसिक स्कूल में खेती-बाड़ी की भी पढ़ाई और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन होत था। उन्होंने कहा कि गांव और ग्रामीण क्षेत्र से आये कई बच्चे खेती बारी में थोड़ी बहुत जानकारी रखते हैं, लेकिन शहर के कई बच्चों को यह भी पता नहीं होगा कि धान से चावल निकलता हैं, इस तरह के कार्यक्रम से ऐसे बच्चों को काफी फायदा मिलेगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में मुख्य रूप से तीन सेक्टर होते है, उसमें कृषि का काफी महत्व हैं। किसान का पेट भरने का काम करते है , लेकिन वे अपने फसल की उपज की सही कीमत को लेकर हमेशा संघर्षरत रहते है और यदि दिनभर में दो बार उन्हें भरपेट भोजन मिल जाता है, तो वे अपने को धन्य समझते हैं। उन्होंने बताया कि आजादी के बाद दिल्ली में एक कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें यह कहा गया कि आजादी और रोटी दोनों बुनियादी जरुरत है।
डॉ0 रामेश्वर उरांव ने कहा कि आज हमारे सामने यह बड़ी चुनौती है कि किसानों को उनकी उपज का सही कीमत कैसे दिलाये जाए, इस दिशा में राज्य सरकार भी प्रयासरत हैं। उन्होंने बताया कि पंडित नेहरू ने अपनी एक पुस्तक में लिखा है कि देश के ज्यादातर कृषक सीमांत किसान है, इसलिए उनकी उपज में बढ़ोत्तरी और आय में वृद्धि के लिए कॉपरेटिव खेती को बढ़ावा देने की जरुरत है, लेकिन केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी सरकार कॉपरेटिव खेती की जगह अपने अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए कॉरपोरेट खेती को बढ़ावा देने की कोशिश में जुटी है, इससे किसानों को फायदा नहीं होगा, बल्कि कॉरपोरेट घरानों को अधिक से अधिक मुनाफा होगा। उन्होंने कहा कि अन्नदाता लोगों का पेट भरते है, लेकिन हमेशा कर्ज में बोझ से दबे रहते हैं, राज्य सरकार ने किसानों का 50 हजार रुपये का कर्ज माफ किया है, इससे किसानों को बड़ा फायदा मिला हैं। उन्होंने बैंकों से भी अपील की कि वे किसानों को ऋण दें और किसानों से भी आग्रह किया कि वे ऋण की राशि को जरूर चुकाने का काम करें।
इस मौके पर पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि खेती-किसानों को लेकर इस तरह का कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को कृषि कार्यां के बारे में प्रारंभिक जानकारी देने का प्रयास अच्छा हैं। इसके लिए उन्होंने स्कूल प्रबंधन, अभिभावकों और बच्चों का आभार जताया। उन्होंने उम्मीद जतायी कि एक निजी स्कूलों में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को खेती-किसानी के बारे में बेसिक जानकारी दी जाएगी।

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