प्रधानमंत्री ने दिया विजेताओं को प्रमाणपत्र
रांची। राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया। कार्यक्रम में रांची जिला के सोनाहातू प्रखंड की सविता कुमारी भी अपने माता-पिता, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शत्रुजंय कुमार और सीडीपीओ के साथ वर्चुअल कार्यक्रम में उपस्थित थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यक्रम के दौरान ब्लॉकचौन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके वर्ष 2022 और 2021 के लिए पीएमआरबीपी पुरस्कार विजेताओं को डिजिटल प्रमाणपत्र प्रदान किए।
तीरंदाजी सविता ने झारखंड का नाम रोशन किया
रांची के सोनाहातू प्रखंड के टंगटंग निवासी अक्षय प्रसाद गंझू और किरण देवी की सुपुत्री सविता ने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में पढ़ते हुए सविता ने पहली बार 2014 में तीरंदाजी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। 2018-19 में सविता का चयन खेलो इंडिया स्कीम में हुआ। इसी साल नई दिल्ली में पहले खेलो इंडिया स्कूल गेम्स आर्चरी चौंपियनशिप 2018-19 में सविता को चौथा रैंक मिला। साल 2017-18 मं छत्तीसगढ़ में आयोजित 63वें स्कूल नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप में ब्रांज जीतनेवाली टीम का भी सविता हिस्सा थी । 2018-19 में आंध्रप्रदेश में आयोजित मिनी सब जूनियर आर्चरी चौंपियनशिप में सविता ने टीम गोल्ड जीता। बाग्लादेश ढाका में 2018-19 साउथ एशियन आर्चरी चौंपियनशिप में गोल्ड जीतनेवाली टीम का सविता हिस्सा रहीं।
सविता को किया गया सम्मानित
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए खेल में क्षेत्र में झारखंड से चयनित सविता कुमारी को जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शत्रुजंय कुमार और डीआईओ शिवचरण बनर्जी ने जिला प्रशासन की तरफ से सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि जिला में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सप्ताह चल रहा है और इस दौरान सविता ने जो उपलब्धि हासिल की है वो हमारे लिये गौरव की बात है।
पदक, एक लाख नकद और प्रमाण पत्र मिला
इस वर्ष विभिन्न श्रेणियों के तहत देशभर से 29 बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पुरस्कार के लिए चुना गया है। पुरस्कार विजेता हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भी भाग लेते हैं। पीएमआरबीपी के प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार और एक प्रमाण पत्र दिया जाता है।
6 क्षेत्रों में असाधारण क्षमता वाले बच्चों को मिलता है पुरस्कार
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भारत में रहने वाले 5 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष तक के बच्चों को नवाचार, शैक्षणिक उपलब्धि, खेल, कला एवं संस्कृति, समाज सेवा और बहादुरी जैसे 6 क्षेत्रों में असाधारण क्षमता और उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने पर एक मान्यता के तौर पर दिया जाता है
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