January 8, 2025

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झारखंड के बजट मे दीर्घकालिक और अल्पकालिक उपायों का रहे संतुलन-सूर्यकांत शुक्ला

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रांची। यूनियन बजट के बाद झारखंड वासियों की निगाहें अब अपने राज्य के सालाना बजट पर टिक गयीं हैं जिसका प्रस्तुतिकरण 3 मार्च 2022 को विधानसभा में वित्तमंत्री डा०रामेश्वर उरांव करेंगे।
आर्थिक मामलां के जानकार सूर्यकांत शुक्ला ने कहा कि पिछले बजट में सरकार के 11 विभागों की 21 मांगों के लिए अभिनव सोच के साथ पहली बार आउटकम बजट लेकर सरकार आयी थी जिसका उद्देश्य था कि व्यय पूर्व के अनुमानों के साथ व्यय के बाद मिले परिणामों को सार्वजनिक दृष्टि मे लाना ताकि राज्य की जनता यह जान पाये कि बजट में जो प्रावधान किये गये थे ,उनका कितना लाभ उन तक पहुंच पाया। आउटकम बजट की यह शुरुआत निसंदेह बजट के खर्च और क्रियान्वयन को ज्यादा जबाब देह और पारदर्शी बनाती है ।
चालू वित्त वर्ष के लिए राज्य की जीडीपी मे ग्रोथ के लिए 9.5प्रतिशत की वृद्धि दर रियेल जीडीपी में तथा 13.6प्रतिशत नामिनल जीडीपी में लगाया गया था जबकि पिछले वित्त वर्ष 2021-21 के लिए महामारी के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था में 6.9 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान बजटीय दस्तावेजों में दिखाया गया था। राज्य अर्थव्यवस्था की अद्यतन स्थिति पर 3 मार्च 2022 को ही अधिकारिक रुप से जानकारी मिल पायेगी कि पूंजीगत मद,सामाजिक प्रक्षेत्र, आर्थिक प्रक्षेत्र और आउटकम बजट पर राज्य की स्थिति क्या और कहां है ।
बजट के आकार में साल दर साल बढ़ोतरी तो होती ही है और यह मुद्रास्फीति के लिहाज से भी लाजिमी है ,परंतु इससे भी ज्यादा जरूरी है कि सरकारें (राज्य और केन्द्र) व्यय मशीनरी की क्षमता बढा़यें ताकि सरकारों को बजट के पैसे समय पर खर्च न कर पाने के लिए बहानों का सहारा न लेना पड़े ।
झारखंड वासी सरकार से यह अपेक्षा करते हैं कि राज्य के सालाना बजट में दूरगामी और निकटगामी दोनों विजन का संतुलन रहे। बुनियादी ढांचे में विस्तार के लिए पूंजीगत मद की राशि मे बढो़तरी जरूर हो परंतु इनफ्रास्ट्रक्चर की आपाधापी में सोशल वेलफेयर और आम आदमी बजट में पीछे न छूट जाय, क्योंकि झारखंड एक गरीब राज्य है जो प्रति व्यक्ति औसत आमदनी के मामले में देश के राज्यों मे 26 वे पायदान पर खड़ा है ।

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