रांची। राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ0 रामेश्वर उरांव ने भोगता, देशवारी और खरवार समेत अन्य जातियों को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल किये जाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि इन 32 जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष रहने के दौरान ही उनके कार्यकाल में अनुशंसा की गयी थी। जिसमें से 14 जातियों को एसटी सूची में शािमल भी कर लिया गया, परंतु केंद्र में सरकार बदल जाने के बाद अन्य जातियों के मामले में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका, अब सात वर्षाें बाद इनमें से कई जातियों को एसटी में शामिल करने का फैसला लिया गया है और संसद में विधेयक लाया गया है, इसके लिए वे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को बधाई देते है। डॉ0 रामेश्वर उरांव आज रांची स्थित आवास में देशवारी, खरवार और भोगता जाति के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे भी मौजूद थे।
डॉ0 रामेश्वर उरांव ने बताया कि झारखंड के खरवार, भोगता और देशवारी जाति के लोगों का रहन-सहन आदिवासियों की तरह ही सदियों से रहा है, लेकिन 1950 में जो आदेश जारी हुआ, उसमें इन जातियों को अनुसूचित जनजाति की जगह अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल कर लिया गया था, जिसके बाद से लंबे समय से इन जातियों की ओर से एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग उठती रही थी। राष्ट्रीय एसटी आयोग का अध्यक्ष रहने के दौरान उनके नेतृत्व में आयोग की टीम ने चंदवा, बालूमाथ, लातेहार समेत विभिन्न इलाकों का दौरा कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली थी और इन जातियों की मांग के अनुरूप आयोग की ओर से इन्हें एसटी में शामिल करने की मांग की गयी थी। अब एसटी श्रेणी में शामिल होने पर इन जातियों की वर्षाें पुरानी मांग पूरी हो जाएगी और समाज का शैक्षणिक तथा सामाजिक विकास तेजी से हो जाएगा।
देशवारी खरवार, भोगता उत्थान समिति के बैनर तले मंत्री रामेश्वर उरांव से मिलने पहुंचे समाज के लोगों ने उनके प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि एक राज्यस्तरीय समारोह में उनका नागरिक अभिनंदन किया जाएगा। इस मौके पर मुख्य रूप से सत्येंद्र सिंह, तुलसी सिंह, रामभजन सिंह खरवार, रामरेखा सिंह खरवार, माधव सिंह, भागमणि देवी, तारा देवी, विश्वनाथ सिंह, सुनीता देवी, मनोरमा देवी समेत कई लोग शामिल थे।
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