विपक्षी सदस्य मॉब लिंचिंग और भाषा विवाद पर सरकार को घेरेंगे, नई शराब नीति पर विपक्ष के साथ सत्तापक्ष भी उठा सकते है सवाल
रांची। झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 25 फरवरी को पूर्वाह्न 11 बजे राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया। सत्र के हंगामेदार होने की आशंका है। विपक्षी सदस्य मॉब लिंचिंग, भाषा विवाद और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे, वहीं नई शराब नीति पर विपक्ष के साथ ही सत्तापक्ष के विधायक भी सवाल उठा सकते है।
बजट सत्र में 3 मार्च को आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 का वार्षिक बजट पेश होगा। इससे पहले 2 मार्च को आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी जाएगी। 25 मार्च तक चलने वाले सत्र में 17 कार्य दिवस है। इस सत्र में 28 फरवरी को चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 का तृतीय अनुपूरक बजट भी सदन में पेश किया जाएगा। सत्र के सफल संचालन को लेकर स्पीकर मुख्य सचिव समेत समेत अन्य वरीय अधिकारियों के साथ दो दिन पहले ही बैठक कर चुके है।
मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने मॉब लिंचिंग और क्षेत्रीय भाषा उर्दू पर सरकार को सदन के अंदर घेरने की रणनीति बनायी गयी है। वहीं इस बार भी बजट सत्र नेता प्रतिपक्ष के बिना ही आहूत किया जा रहा है। जबकि नई शराब नीति पर सत्तापक्ष के लोबिन हेम्ब्रम ने पहले ही खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है और इस बार भी यह उम्मीद की जा रही है कि वे सदन में अपनी ही सरकार को मुश्किल में डाल सकते है। वहीं चिंतन शिविर में हिस्सा लेने के बाद कांग्रेस विधायकों में भी नयी ऊर्जा का संचार हुआ है और इसका असर बजट सत्र में भी देखने को मिल सकता है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जिस तरह से सीधे मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कांग्रेस संगठन को कमजोर करने का आरोप लगाया है, उस मुद्दे को विपक्षी विधायक हवा देने की कोशिश करेंगे।
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