रांची। आज मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामजी का जन्मोत्सव रामनवमी के साथ-साथ ईसाई धर्मावलंबियों का पवित्र त्योहार खजूर पर्व देश भर में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर राजधानी रांची के ईसाई धर्मावलंबी बड़ी संख्या में हाथों में खजूर की डाली लेकर जुलूस निकालकर गाते बजाते अपने-अपने गिरजा घरों में प्रवेश किए।
खजूर इतवार या पाम संडे के साथ ही ईसाइयों के लिए पुण्य सप्ताह की शुरुआत होती है। जिसमें हर ईशा के अनुयायी त्याग तपस्या कर गुड फ्राइडे के दिन ईशा के क्रूस पर बलिदान को याद करते हैं। इस अवसर पर संत अल्बर्ट कॉलेज रांची के प्रोफेसर फादर प्रफुल्ल बाड़ा कहते हैं कि खजूर त्योहार ईसा मसीह के यरूशलेम में प्रवेश का प्रतीक है।
खजूर पर्व की परंपरा की जानकारी देते हुए सिस्टर सुशीला बताती है कि 40 दिनों तक त्याग तपस्या करने के बाद ईसा मसीह जब यरूशलेम में प्रवेश कर रहे थे तब उनके अनुयायी खजूर और जैतून की डालियां लेकर उनका स्वागत किए थे। उसी के याद में ईसाई धर्मावलंबी खजूर पर्व का यह त्योहार मनाते हैं। ईसा मसीह का यरूशलेम में प्रवेश मनुष्य के पाप और मृत्यु पर विजय पाकर पुनरुत्थान का प्रतीक है। इसे हर ईसाई विश्वासी अपने जीवन में उतारने का प्रयास करता है।
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